लॉकडाउन में सामने आई विवशता: संसाधनों के अभाव में इस जिले के 37 फीसदी बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से रह गए वंचित

– जिले के 176 सरकारी हाइस्कूल व हॉयर सेकंडरी स्कूल में 49 हजार 800 बच्चे अध्ययनरत हैं। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते इन बच्चों की पढ़ाई खासी प्रभावित हुई है।
– लॉकडाउन व अनलॉक में शिक्षा विभाग द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई कराई गई। डिजीलैप के माध्यम से पढ़ाई कराई गई।
– इसमें एप के माध्यम से भी बच्चों को जोड़कर, सोशल मीडिया के माध्यम से पढ़ाई कराई गई है।

<p>promote students</p>

कटनी. जिले के 176 सरकारी हाइस्कूल व हॉयर सेकंडरी स्कूल में 49 हजार 800 बच्चे अध्ययनरत हैं। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते इन बच्चों की पढ़ाई खासी प्रभावित हुई है। लॉकडाउन व अनलॉक में शिक्षा विभाग द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई कराई गई। डिजीलैप के माध्यम से पढ़ाई कराई गई। इसमें एप के माध्यम से भी बच्चों को जोड़कर, सोशल मीडिया के माध्यम से पढ़ाई कराई गई है। वीडियो भेजकर, टेलीवीजन में प्रसारण कराकर पढ़ाई कराई गई, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जिले में 37 फीसदी बच्चे ऐसे हैं जिनके पास मोबाइल व टेलीवीजन नहीं हैं, जिसकी वजह से वे ऑनलाइन शिक्षा से वंचित हो गए हैं। कक्षा 9 से 12 तक के सिर्फ 63 फीसदी बच्चे ही शिक्षा प्राप्त कर पाए हैं, उनमें से भी कई लोगों के अभिभावकों के घर पर न रहने, नेटवर्क की समस्या, डाटा आदि न होने के कारण भी मुसीबतों का सामना करना पड़ा है। शिक्षा विभाग की कवायद कई बच्चों तक नहीं पहुंच पाई और अब फिर से

यह होगी कवायद
पढ़ाई से वंचित रह गए बच्चों का कोर्स पूरा कराने के लिए शिक्षा विभाग नई कवायद करने जा रहा है। जिन बच्चों के पास मोबाइल व टेलीवीजन नहीं है उनको ग्राम पंचायत में लगी टीवी का सहारा लिया जाएगा। गांव के मास्साब उनसे संपर्क कर, पालकों से चर्चा कर कोर्स को पूरा कराने पहल करेंगे। इसके अलावा जिन स्कूलों में स्मार्ट क्लास हैं वहां पर लगी टीवी में कोर्स कराया जाएगा। यहां पर बच्चों को सोशल डिस्टेंस का पालन कराते हुए यूनिट कंपलीट कराई जाएंगी।

इनका कहना है
37 फीसदी बच्चे पढ़ाई से छूट गए हैं। जो बच्चे लॉकडाउन व अनलॉक में शिक्षा से वंचित रह गए हैं उनकी पढ़ाई कराई जाएगी। इसके लिए ग्राम पंचायतों व स्मार्ट टीवी के माध्यम से कोर्स कराया जाएगा।
बीबी दुबे, जिला शिक्षा अधिकारी।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.