किसान ने पत्रिका को वीडियो उपलब्ध करवाकर बताया कि कैसे ग्राफ्टेड तकनीक की सेब की फसल कटनी में तैयार हो रही है और किसान को मुनाफा हो रहा है। उद्यानिकी विभाग की सलाह को किसान रमाशंकर ने अपनाते हुए सेब का बंफर उत्पादन किया।
किसान ने बताया कि कटनी में तैयार होने वाली ग्राफ्टेड सेब की खासियत है कि इसके लिए कश्मीर जैसी कम तापमान की आवश्यकता नहीं है। सेब की यह फसल मध्यप्रदेश के तापमान में भी तैयार होती है और किसानों के लिए लाभदायक साबित हो रहा है।
कटनी जिले के मदनपुर गांव में रहने वाले किसान रमाशंकर कुशवाहा बिजली विभाग में ठेकेदार के साथ मीटर लगाने की नौकरी करते थे। उनके मन में खेती करने का विचार आया और उन्होंने नौकरी छोड़कर परंपरागत तरीके से पहले तो धान-गेहूं की खेती की, बाद में उद्यानिकी विभाग की सलाह पर सेब की ग्राफ्टेड तकनीक की खेती की।
सेब के पौधे रोपने के तीन माह बाद ही कोरोना के चलते लॉकडाउन लग गया। उसके बाद से रमाशंकर ने पूरा समय बगीचे को तैयार करने व उसकी देखरेख में लगा दिया। किसान रमाशंकर ने लॉकडाउन के डेढ़ साल के दौरान सेब के पौधों को तैयार करने में कड़ी मेहनत की। अब किसान की बगिया में फलों की बहार है और ताजे फलों का स्वाद लेने शहर से भी नागरिक उनके खेत तक पहुंच रहे हैं। किसान ने बताया कि 16-17 माह में ही सेब फल देने लगे। किसान का अनुमान है अगले साल सेब से उन्हें और अधिक मुनाफा मिलेगा।