सशक्त होंगी हजारों महिलाएं
जिला पंचायत सीईओ के इस नवाचार से जिले की दर्जनों व प्रदेश की हजारों महिलाएं सशक्त होंगी। इसकी सफलता के बाद पूरे मध्यप्रदेश में इसे योजना के रूप में लागू करने योजनाबन रही है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सिवनी जिले में लागू करने की पूरी तैयारी हो चुकी है और शनिवार को इस पर काम भी शुरू हो जाएगा। बता दें कि जिले में पाठ्ïय पुस्तक निगम की पुस्तकों की कटिंग व बंडलिंग में हर वर्ष 5 से 6 लाख रुपये खर्च हो जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। पाठ्ïय पुस्तक निगम की पुस्तकों को बीआरसी कार्यालय में स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा कक्षा 1 से कक्षा 8 तक की पुस्तकों की विषय व कक्षावार कटिंग के उपरांत उन्हें बंडल बनाकर जनशिक्षा केन्द्र भेजा जाएगा और वहां से सीधे जनशिक्षा केंद्र के अधीन स्कूलों में वितरित किया जाएगा।
अधिक भुगतान होने पर बनाई योजना
बता दें कि कुछ दिन जिला पंचायत सीइओ के पास पुस्तकों के परिवहन भुगतान की फाइल पहुंची। समीक्षा में पाया कि अत्यधिक मात्रा में राशि खर्च हो रहा है। इस पर उन्होंने बीआरसी कटनी विवेक दुबे को महिला सशक्तिकरण एवं कम खर्च पर एक प्रापोजल तैयार करने कहा। प्रापोजल तैयार होते ही उस पर काम शुरू किया गया। जिले की 6 समूहों का निर्माण कर 60 महिलाओं को इस कार्य की जिम्मेदारी सौंपी दी गई है। पाठ्ïय पुस्तक वितरण कार्य में महिलाओं की सहभागिता के प्रस्ताव को भोपाल मुख्यालय में अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव को भेजा गया, जिसके बाद उन्होंने इस प्रयोग की सराहना करते हुए इसे योजना के रूप में पूरे प्रदेश में लागू करने की बात कही।
इनका कहना है
पुस्तकों के परिवहन में अत्यधिक मात्रा में राशि खर्च हो रही थी। इसमें गड़बड़ी भी समझ आ रही थी। इसको लेकर नया प्रस्ताव तैयार कराया। अब महिला सशक्तिकरण के उद्ïदेश्य से कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को शासकीय स्कूलों में मिलने वाली पुस्तकों को पहुंचाने के लिए स्वसहायता समूहों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
जगदीशचंद गोमे, सीइओ जिला पंचायत।