इस बारे मेंं खनिज निरीक्षक शैलेंद्र मिश्रा बताते हैं कि जानकारी मिलने पर रेत खदानों का निरीक्षण करते हैं। घोघरीघाट का निरीक्षण अब तक नहीं किया है।
यह है प्रावधान
पानी के बीच रेत निकासी नहीं होगी। सूखा स्थान पर ही मशीन से खनन होगा। गहराई तीन व छह मीटर नदी की इकोसिस्टम से तय होगी।
जिम्मेंदार बेपरवाह
नियमों को ताक पर रखकर हो रहे रेत खनन में खनिज विभाग के निरीक्षकों को कार्रवाई करनी चाहिए। ग्रामीण बताते हैं कि खनिज निरीक्षकों के मनमानी के बाद भी कार्रवाई नहीं होती।