पटरी पर दौड़ीं 444 लॉन्ग हॉल मालगाडिय़ां, कटनी रूट से ज्यादा परिवहन, रेलवे को बड़ा फायदा

राजस्व बढ़ोत्तरी के साथ पाथ को मिलती है अन्य ट्रेनों के परिवहन के लिए जगह

<p>Railways runs more long haul goods trains</p>

कटनी. भारतीय रेल पर मालगाडिय़ों की औसत गति में वृद्धि होने से माल यातायात में बढ़ोत्तरी की कवायद चल रही है। पश्चिम मध्य रेल में मालगाडिय़ों की औसत गति भारतीय रेलवे में अव्वल रही है। मालगाडिय़ों सुगम संचालन से माल का परिवहन ज्यादा से ज्यादा तो हो रही है, इससे अधिक से अधिक मालगाडिय़ों का परिवहन शामिल हैं। प्रमुख रेलखण्डों पर लॉन्ग हॉल मालगाडिय़ों का संचालन को गति पकड़ रहा है। भारतीय रेलवे पर वर्ष 2015-16 में पश्चिम मध्य रेल द्वारा सर्व प्रथम लॉन्ग हॉल मालगाडिय़ों के संचालन की शुरूआत हुई। लॉन्ग हॉल मालगाडिय़ों में 58-58 वैगनों की दो मालगाडिय़ों को एक साथ मिलाकर 116 वैगनों की पूरी मालगाड़ी बनाई जाती है। जिससे दो मालगाडिय़ों के पाथ के बजाय एक गाड़ी के पाथ में ही संचालन किया जा रहा है। पिछले छह महीनों अप्रैल से सितंबर में पमरे द्वारा 444 लॉन्ग हॉल मालगाडिय़ों को चलाया गया।

इन लाइनों पर चली गाडिय़ां
– कटनी-सिंगरौली रेलखण्ड पर अप्रैल 311 लॉन्ग हॉल
– कटनी-रुठियाई-कटनी रेलखण्ड पर 118 लॉन्ग हॉल
– आगासौद-न्यूकटनी जंक्शन रेलखण्ड पर 12 लॉन्ग हॉल
– गाडरवारा एनटीपीसी-न्यूकटनी जंक्शन रेलखण्ड 3 लॉन्ग हॉल

यह हैं इसके फायदे
पमरे द्वारा लॉन्ग हॉल मालगाडिय़ों के संचालन में रेलवे को कई फायदे हुए हैं। तेज गति से एक ही समय में ज्यादा से ज्यादा माल यातायात का परिवहन किया जा सकता है। अधिक से अधिक रेल गाडिय़ों के संचालन के लिए पाथ मिल जाता है। क्रू स्टॉफ से अधिक से अधिक मालगाडिय़ों का संचालन निष्पादित किया जा सकता है। रेलवे के आय में बढ़ोत्तरी के साथ रेल राजस्व भी बढ़ रहा है। पमरे में इलेक्ट्रिफिकेशन का 100 प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है। तीनों मण्डलों के मुख्य रेलखण्डों पर मालगाडिय़ों की अधिकतम गति सीमा बढ़ाई गई। प्रमुख रेलखण्डों में दोहरीकरण, तिहरीकरण का कार्य पूर्ण किया गया। पश्चिम मध्य रेल द्वारा माल यातायात के परिवहन के लिए ज्यादा से ज्यादा लॉन्ग हॉल मालगाडिय़ों के संचालन की तैयारी में है।

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