मालगाड़ी मरम्मत को रेलवे की भाषा में रूटीन ओवर हॉलिंग (आरओएच) कहते हैं। इसमें एनकेजे ने 7 सौ, भिलाई इस्पात संयत्र ने 671 और मुगलसराय दीनदयाल उपाध्याय ने 452 वैगनों की मरम्मत की।
सुधार के दौरान ब्रेक पाइप लाइन रिपेयर, वैगनों को जोडऩे वाली कपलिंग की मरम्मत, बाडी मरम्मत और वैगन की सतह और दरवाजों की जांच, व्हील एक्सल की मरम्मत सहित अन्य काम होते हैं।
आरओएच के दौरान मालगाड़ी के इन डिब्बों की अल्ट्रासोनिक पद्धति से एक्सल का पैरामीटर मापन कर व्हील गेज की सही प्रोफाइलिंग भी की जाती है। जिससे पटरी पर दौड़ते समय सुरक्षा पर कोई असर नहीं पड़े।
रेल अधिकारी बताते हैं कि वैगन रखरखाव के लिए इंडियन रेलवे वैगन मैनेजमेंट सिस्टम द्वारा वैगन सर्टिफिकेट जारी कर पमरे जीएम, डीआरएम जबलपुर और एनकेजे डिपी सहित इंजीनियरिंग विभाग टीम की सराहना की है।