बैंक की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे 15 हजार से ज्यादा खाताधारक

-केवाईसी के नाम पर जरूरतमंद खाताधारकों के खातों से निकासी पर लगी है रोक-सभी खाताधारकों का दावा एक साल पहले सारे दस्तावेज जमा किए थे

<p>account holder and bank (Symbolic photo)</p>
कटनी. बैंक की लापरवाही और खामियाजा भुगत रहे खाता धारक। वो भी एक-दो नहीं, बल्कि तकरीबन 15 हजार खाताधारक। ये वो खाताधारक हैं जिनका खाता शून्य बैलेंस पर खोला गया था। यानी ये वो लोग हैं जिन्हें सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत समय-समय पर लाभान्वित करती है। लेकिन साल बीत गया इनके खातों में जो भी रकम आ रही है उसकी निकासी ये नहीं कर पा रहे हैं।
आरोप है कि भारतीय स्टेट बैंक ने केवाईसी के नाम पर विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों के खाते होल्ड कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि बैंक ने इन खाताधारकों से आधार कार्ड, राशन कार्ड समेत अन्य जरूरी दस्तावेज जमा करने को कहा था। इसके बाद सभी ने ये सारे दस्तावेज जमा भी कर दिए। दस्तावेज जमा किए एक वर्ष बीत गया, पर इस एक साल में बैंक उन दस्तावेजों की पड़ताल नहीं कर सका। ऐसे में ये लोग सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। अब ऐसे खाताधारक बैंक के जिला प्रबंधक के पास फरियाद लेकर पहुंचे थे।
बताया जा रहा है कि बैंक ने ग्राहक सेवा केंद्र के मार्फत विकासखंड के अंतर्गत आने वाले विभिन्न ग्राम पंचायतों व नगरीय क्षेत्र के तमाम खाता धारकों के खाते खुलवाए हैं। नगर में करीब एक दर्जन ग्राहक सेवा केंद्र हैं। इन ग्राहक सेवा केंद्रों में हजारों से अधिक खाताधारक हैं। अब बैंक ने केवाईसी के नाम पर इन सभी के खाते होल्ड कर दिए हैं। इसमें से 8 हजार खाताधारक ग्राहक सेवा केंद्र व सात हजार खाता धारक बैंक के हैं। इन सभी खाते होल्ड किए गए हैं।
जिला पंचायत सदस्य डॉ. एके खान की मानें तो इनमे से बुजुर्ग पेंशन, छात्रवृत्ति, मजदूरी वाले कार्डधारक हैं जिनका बैंक में जीरो बैलेंस पर ग्राहक सेवा केंद्र ने खाता खोला है। करीब एक साल पूर्व इन खाताधारकों से बैंक के निर्देश पर ग्राहक सेवा केंद्र ने आईडी के नाम पर आधार कार्ड, राशन कार्ड समेत अन्य दस्तावेज जमा कराए थे ताकि खाते की सही जांच हो सके। लेकिन एक साल से इन खाताधारकों की दस्तावेजों की जांच बैंक नहीं कर पाया है। ऐसे में इन खाताधारक अब परेशान हैं। खाते होल्ड होने बुजुर्ग पेंशन की राशि, छात्रवृत्ति की राशि व मजदूरी की राशि खाते में आ तो रही है लेकिन पर खाताधारक उसकी निकासी नहीं कर पा रहे। ऐसी स्थिति में कई उपभोक्ताओं में बैंक प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी व्याप्त है जो कभी भी आंदोलन के रूप में सामने आ सकती है।
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