इस बारे में एसीसी के एचआर हेड एचपी सिंह बताते हैं कि हमारे यहां काम करने वाले सभी भारतीय हैं। ठेकेदार के माध्यम से बंग्लादेशी कोई आ गया हो पता नहीं है। हम पुलिस वेरिफिकेशन करवा रहे हैं। प्रोसेस में है। जहां तक बात रोजगार की है तो 55 प्रतिशत लोग लोकल ही काम कर रहे हैं। कुछ काम ऐसे हैं, जिसमें हाइली स्कील्ड लोगों की जरुरत पड़ती है। ऐसे लोग ही बाहर के हैं जो काम कर रहे हैं।
वहीं एसपी सुनील जैन का कहना है कि एसीसी इकाई में काम करने वालों का पुलिस व्हेरिफिकेशन को लेकर मुझे जानकारी नहीं है। इसकी अलग प्रक्रिया होती है।
विधायक ने लगाए गंभीर आरोप-
एसीसी की निर्माणाधीन इकाई में काम और स्थानीय जनों को रोजगार देने के मुद्दे पर विधायक संजय पाठक ने 12 अक्टूबर की बैठक में प्रबंधन और प्रशासन की मौजूदगी में आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि प्रबंधन से 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देने की बात कही थी लेकिन 10 प्रतिशत लोग ही काम कर रहे हैं। स्थानीय बेरोजगार काम के लिए भटक रहे हैं। एसीसी उन्हे भी काम नहीं दे रही जिन्हे स्वयं प्रशिक्षण दिया है। इस मामले में दशहरा तक सुधार नहीं होने पर उन्होंने सीएम से जानकारी साझा करने की बात भी कही है।
कैमोर थाना प्रभारी को पत्र दिए जाने के 10 माह भी कार्रवाई ठंडे बस्ते में-
कैमोर, अमेहटा ओर मंहगांव में बाहर से आकर रह रहे लोगों का पुलिस व्हेरिफिकेशन करवाने के लिए स्थानीय नागरिक ब्रहमूर्ति तिवारी ने 5 जनवरी को कैमोर थाना प्रभारी को पत्र लिखा था। उन्होंने बताया कि इस मामले में थाना प्रभारी की कार्रवाई एसीसी प्रबंधन को नोटिस देने तक सीमित रही। 10 माह से आगे की कार्रवाई ठंडे बस्ते में है।
– कैमोर के रिहायशी इलाके में डेढ़ माह पहले अखिल तिवारी के घर चोरी का अब तक खुलासा नहीं हुआ।
– कई लोग ऐसे घरों में किराए पर रह रहे है, जहां सुविधाघर नहीं है। ऐसे में खुले में शौच के कारण दूसरे नागरिकों को परेशानी हो रही है।