जिला आपूर्ति कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार कूड़न, जुझारी, केवलारी में करीब 15 मजदूरों के कोरोना पॉजिटिव मिलने की खबर के बाद ये खरीद केंद्र करीब 6 मई से बंद कर दिए गए हैं। इन खरीद केंद्रों में फिलहाल कोई काम करने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में वैकल्पिक व्यवस्था बनवाई जा रही है।
खरीद केंद्र बंद होने से किसान परेशान हैं। समर्थन मूल्य पर खरीद-बिक्री की अंतिम तिथि नजदीक आने से किसानों को समझ नहीं आ रहा। उनकी समस्या ये है कि अगर ये खरीद केंद्र नहीं खुले तो उनकी साल भर की मेहनत बेकार हो जाएगी अथवा उन्हें अपना उत्पाद औने-पौने दाम पर बेचना पड़ेगा। किसानों की परेशानी का कारण, इन बंद खरीद केंद्रों के बारे में तीन दिन से कोई निर्णय नहीं हो पाना भी है।
जिला आपूर्ति कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 14 हजार 771 किसानों से 1 लाख 912 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की गई है। गेहूं खरीदी कार्य फिलहाल 88 केंद्रों पर जारी है। 1 अप्रैल से गेहूं उपार्जन का कार्य प्रारंभ हो चुका है जो 25 मई तक चलेगा। इन निर्धारित खरीदी केंद्रों में जिलेभर के 52 हजार 124 किसानों ने पंजीयन कराया है। प्रशासन का दावा है कि अब तक जिन किसानों ने अपनी उपज बेची है उसमें से 5 हजार 616 कृषकों को उनकी उपज का भुगतान भी कर दिया गया है। कुल खरीदी का 75 प्रतिशत 75 हजार 984 एमटी गेहूं का परिवहन भी किया जा चुका है। स्वीकृति पत्रक 55 हजार 623 एमटी का तैयार किया गया है।
“जिले में तीन खरीद केंद्रों के किसानों की खरीदी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था जल्द बनाई जाएगी। कूड़न, जुझारी व केवलारी खरीदी केंद्रों में करीब 15 मजदूर कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, इसलिए यहां पर खरीदी बंद है।”-प्रमोद श्रीवास्तव, जिला आपूर्ति अधिकारी