कटनी में कटायेघाट से लेकर अधारकाप के आंगे तक शहर के नाला का गंदा पानी मिल रहा है। इससे कटनी नदी गंदगी से अटी पड़ी है। शहर की जीवनदायनी कटनी नदीआधे से ज्यादा आबादी प्यास बुझाती है। सैकड़ों लोग निस्तार करते हैं, इतना ही नहीं शहर के बड़े औद्योगिक संस्थान पानी ले रहे हैं। बावजूद इसके जीवनदायनी की सांसें टूट चुकी हैं।
स्वच्छता के नाम पर फंूके करोड़ों रूपये
कटनी नदी को पुनर्जीवित करने के लिए पहले भी बड़ी राशि खर्च की जाती रही है। नगर निगम व जिला प्रशासन द्वारा स्वच्छता के नाम पर करोड़ों रुपये फूंके गए, लेकिन कटनी नदी आजतक निर्मल नहीं हो पाई। नदी को अब एक बार फिर पुनर्जीवन की दरकार है।
स्वयंसेवी संगठनों ने कहा जीवनदायिनी को पुनर्जीवित करने होगा प्रयास
कटनी ब्लड डोनर एंड वेलफेयर सोसायटी से अध्यक्ष लोकेश सचदेवा, अध्यक्ष महिला विंग श्रेहा खंडेलवाल, कोषाध्यक्ष मनोज द्विवेदी, सचिव अखिलेश पुरवार, रौनक खंडेलवाल व अन्य युवाओं ने बताया कि कटनी नदी को पुनजीर्वित करने मुहिम चलाएंगे। जिम्मेंदारों को पत्र लिखकर आने आने की बात कही जाएगी।
अस्तित्व बचाए रखने ये काम है जरूरी
– कटनी नदी की सफाई की जाए।
– नदी तट पर फैले अतिक्रमण पर ठोस कार्रवाई कर हटाया जाए।
– कटनी नदी में कहीं भी नाले का गंदा पानी नहीं छोड़ जाए।