इनकान कटनी के जीएम मोहन सिंह बताते हैं कि कटनी ग्रेड सेपरेटर का काम ठेका कंपनी ने सितंबर से प्रारंभ किया। अक्टूबर में टेस्टिंग के बाद दिसंबर से काम प्रारंभ हुआ। एनकेजे में बिमरौल के पास 3 सौ खंभों का निर्माण शुरू हो गया है। दिसंबर 2023 में प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य है।
निर्माण इसलिए महत्वपूर्ण
मालभाड़ा ढुलाई के मामले में भारतीय रेलवे की गोल्डन ट्रैक कही जाने वाली बिलासपुर-कटनी-बीना रेलवे ट्रैक में न्यू कटनी जंक्शन (एनकेजे) से ट्रेनों की निकासी बड़ी चुनौती है। कटनी में सतना, जबलपुर, सिंगरौली, बीना और बिलासपुर मिलाकर पांच दिशाओं से अप और डाउन लाइन में यात्री ट्रेनों के साथ ही मालगाड़ी आवागमन के बाद ट्रैफिक का बेहद दबाव होता है। मालगाड़ी ट्रेनों को पासिंग नहीं मिलने से कई घंटे तक खड़ी रह जाने से नुकसान होता है। कटनी ग्रेड सेपरेटर का निर्माण पूरा होने के बाद सिंगरौली और बिलासपुर की ओर आने वाली कोयला लोड मालगाड़ी सीधे बीना की ब्रिज की मदद से निकलेंगी। कई घंटे का समय बचेगा। यात्री ट्रेनों की भी आवाजाही सुगम होगी।
एक नजर निर्माण पर
– 34.09 किलोमीटर रेलवे ओवरब्रिज की कुल लंबाई.
– 18.01 किलोमीटर डाउन लाइन में होगी लंबाई.
– 16.08 किलोमीटर अप लाइन में लंबाई.
– 3.5 किलोमीटर का रिटेनिंग वाल का निर्माण कटंगी, झलवारा, मझगवां और मुड़वारा स्टेशन के समीप होगा.
– मझगवां में ग्रेड सेपरेटर इंड प्वाइंट पर न्यू मझगवां के नाम से बनेगा नया स्टेशन.
– 260 करोड़ रूपये का प्रावधान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में पेश किए गए बजट में कटनी ग्रेड सेपरेटर के लिए किया।