खासबात यह है कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के अधिकारियों का कहना है कि आयात पर प्रतिबंध में शामिल 101 वस्तुओं में से लगभग 19 ऐसे रक्षा उत्पाद हैं, जिनका निर्माण देशभर की 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों में हो रहा है। सरकार का यह निर्णय स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता तो बढ़ाएगी, लेकिन ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि चालीस साल से ज्यादा समय से इन वस्तुओं का निर्माण देश में हो रहा है, और बाहर से ज्यादा आयात भी नहीं हुआ है।
दूसरी ओर जानकारों का यह भी कहना है कि लगातार काम की मांग कर रहे ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कर्मचारियों के लिए यह निर्णय कितना फायदेमंद होगा, इसका निर्णय भी आने वाले समय में इन वस्तुओं के डिमांड के बाद तय होगा।
बतादें कि सूची में शामिल 101 वस्तुओं में तीन का निर्माण कटनी स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में हो रहा है। इसमें 120 एमएम स्टेब्लाइज्ड आर्मर का ड्राइविंग बैंड, 155 एमएम आर्टिलरी एम्यूनिशन में उपयोगी ड्राइविंग बैंड और 30 एमएम एचइआइ, एचइटी का ड्राइविंग बैंड शामिल है।
बात देशभर के ऑर्डिनेंस फैैक्ट्री में बन रहे उत्पादों की करें तो इसमें 19 उत्पाद का निर्माण हो रहा है। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के अधिकारियों के अनुसार इसमें 120 एमएम फिन स्टेब्लाइस्ड आर्मर, स्नापर राइफल, ट्रैक्ड सेल्फ प्रोपेल्ड, टॉव्ड ऑर्टिलरी गन, मल्टी बैरल रॉकेट लांचर, 155 एमएम/39 अल्ट्रा लाइट हाउजर, कंपोनेंट लेवल रिपेयर फसिलिटी फॉर टी-90, जनरल परपज प्री फार्मेशन बम 250-500 किग्रा, मिलेट्री ट्रक, व्हील्ड अमाउंट फाइटिंग व्हीकल, लाइट मशीन गन, असाल्ट राइफल, 30 एमएम अल्यूमिनिशन फॉर इनफिनिटी फाइटिंग सिस्टम, 40 एमएम यूबीजीएल, लाइटवेट रॉकेट लांचर, 155 एमएम ऑटिलरी एम्यूनिशन, 30 एमएम एचईआइ, इलेक्ट्रानिक फ्यूज और बाइ मॉड्यूलर चार्ज सिस्टम शामिल हैं।
हालांकि कटनी स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के महाप्रबंधक वीपी मुंघाटे सरकार के निर्णय हो बेहतर कदम बताते हैं। उनका कहना है कि रक्षा उत्पाद निर्माण के क्षेत्र में 101 वस्तुओं का आयात रूकने के बाद निश्चित तौर पर इसका सीधा लाभ स्वदेशीकरण के मामले होगा। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह अच्छा निर्णय है। प्रतिबंधित वस्तुओं में तीन उत्पाद का निर्माण ओएफके करती है।