एमपी ने छोड़ा छह लाख क्यूसेक पानी,बिहार में बन सकते है खतरनाक हालात

सोन के जलग्रहण क्षेत्र में वर्षा से पानी पहले ही बढ़ कर चार लाख क्यूसेक हो चुका है…

<p>bansagar bandh </p>

(पत्रिका ब्यूरो,पटना): मध्यप्रदेश सरकार ने पिछले चौबीस घंटों में वाणसागर डैम से सोन नदी में लगभग छह लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ दिया है। यह पानी बिहार पांच दिनों में पहुंचने वाला है। सोन के जलग्रहण क्षेत्र में वर्षा से पानी पहले ही बढ़ कर चार लाख क्यूसेक हो चुका है। ऐसे में एमपी से आए पानी के बाद राजधानी पटना समेत आसपास इलाकों के लिए खतरे बढ़ जाने की आशंका लोगों को सताने लगी है।


उधर नेपाल की तराई वाले इलाकों में जारी लगातार बारिश से कोसी और महानंदा नदियों का जलस्तर भी खतरनाक तरीके से बढ़ सकता है। लिहाजा जल संसाधन विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। काबिलेगौर है कि मध्यप्रदेश के पानी से सोन का जलस्तर पटना के निकट मनेर में खतरे का निशान पार कर जाएगा। सोन गंगा के जलस्तर में वृद्धि का बड़ा आधार है। अभी यह खतरे के निशान से 11 सेमी नीचे बह रही है।


उधर नेपाल के सीमा क्षेत्र में लगातार बारिश से कोसी और महानंदा नदियों के जलस्तर में वृद्धि की संभावना जताई जा रही है। कोसी और महानंदा तथा उसकी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ने से कोसी और मिथिलांचल में बाढ़ की आशंका गहरा गई है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से दावे किए गए हैं कि किसी भी आसन्न खतरे से निबटने की तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं।


वाणसागर से छोड़े गए पानी के गंगा में पहुंचने के

पहले ही सतर्कता बरतते हुए जल संसाधन विभाग ने तैयारियां कर ली हैं। पटना शहर के सभी स्लूईस गेट को बालू भरे बोरों से बंद कर दिया गया है। संभावित बाढ़ के खतरों से निबटने की तैयारी में प्रशासन ने गंगा के दियारा क्षेत्रों दानापुर और मनेर के वाशिंदों को घर छोड़ ऊंची जगहों पर चले जाने की हिदायत दे दी है। कई स्कूलों और कॉलेजों में राहत शिविर बनाए गए हैं। इस बीच सोमवार शाम से गंगा के जलस्तर में वृद्धि दर्ज़ की जाने लगी है।

 
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.