बारात लांगरा गांव की गली से होती हुई वधु तुलसी के घर पहुंची। जहां तुलसी और ठाकुरजी का विवाह सम्पन हुआ। उपहार के रूप में वधु पक्ष की ओर से बाली, अंगूठी, पायजेब, बर्तन, रजाई-गद्दे, पलंग, ठाकुरजी की पोशाक, टीके में 1100 रुपए, लगन में 500 रुपए व थाली में 5100 रुपए दिए।