पत्रिका टीम दोपहर में तहसील परिसर में बने कोरोना कंट्रोल रूम पहुंची। जहां स्वयं तहसीलदार रामकरण मीणा व अन्य सरकारी कर्मचारी बिना मास्क के ही लोगों की फरियाद सुनते नजर आए। इसके बाद पत्रिका टीम ने उपखंड कार्यालय, उप पंजीयक कार्यालय, उप कोषाधिकारी कार्यालय, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग कार्यालय, राजकीय चिकित्सालय, नगरपरिषद कार्यालय समेत कई सरकारी महकमों के दफ्तरों में खोजबीन की। जहां खुलेआम सरकारी नुमाइंदे ही नो मास्क-नो एंट्री अभियान की खिल्ली उड़ाते हुए पत्रिका के कैमरे में कैद हुए।
पत्रिका रेड़ के बाद सरकारी विभागों के दफ्तरों में हडकंप मच गया। अधिकारी से लेकर कर्मचारी स्वयं तो मास्क पहने नजर आए ही साथ ही आने-जाने वाले फरियादियों से भी समझाईश करते देखे गए।
मास्क पहनने की सलाह देने वाले खुद लापरवाह-
एक ओर पूरी सरकारी मशीनरी नो मास्क-नो एंट्री अभियान को सफल बनाने में जुटी है। घर-घर पहुंच लोगों को कोविड़-19 महामारी से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है, लेकिन कई अधिकारी-कर्मचारी ही मास्क का उपयोग नहीं कर रहें हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जब आमजन को मास्क पहनने का मशविरा देने वाले ही नियम की पालना नहीं करेंगे तो फिर पब्लिक में क्या संदेश जाएगा।
एक ओर पूरी सरकारी मशीनरी नो मास्क-नो एंट्री अभियान को सफल बनाने में जुटी है। घर-घर पहुंच लोगों को कोविड़-19 महामारी से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है, लेकिन कई अधिकारी-कर्मचारी ही मास्क का उपयोग नहीं कर रहें हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जब आमजन को मास्क पहनने का मशविरा देने वाले ही नियम की पालना नहीं करेंगे तो फिर पब्लिक में क्या संदेश जाएगा।
घर-घर वितरित किए जा रहे हैं मास्क-
आपको बता दें कि हिण्डौन शहर में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य सरकार की ओर से लोगों को कोरोना से जागरूक करने के लिए नो मास्क नो एंट्री अभियान शुरू किया है। इसके तहत नगरपरिषद की ओर से लोगों को मुफ्त मास्क वितरित किए जा रहे है। साथ ही मास्क पहनने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लेकिन मास्क नहीं पहन अभियान की अनदेखी कर अधिकारी व कर्मचारी ही इसकी सफलता को लेकर कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं।
आपको बता दें कि हिण्डौन शहर में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य सरकार की ओर से लोगों को कोरोना से जागरूक करने के लिए नो मास्क नो एंट्री अभियान शुरू किया है। इसके तहत नगरपरिषद की ओर से लोगों को मुफ्त मास्क वितरित किए जा रहे है। साथ ही मास्क पहनने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लेकिन मास्क नहीं पहन अभियान की अनदेखी कर अधिकारी व कर्मचारी ही इसकी सफलता को लेकर कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं।