पांचना बांध से गम्भीर नदी में पानी छोडऩे पर सहमति

पांचना बांध से गम्भीर नदी में पानी छोडऩे पर सहमति
सूखी पड़ी गम्भीर नदी में पानी पहुंचने से इलाके के लोगों तथा पशु-पक्षियों को भी मिलेगी राहत
करौली। महावीर जयंती पर भगवान महावीर के अभिषेक के लिए गम्भीर नदी में पांचना बांध से कुछ दिनों में पानी छोड़े जाने के आसार है। इसको लेकर प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। वैसे भी सूखी हुई गम्भीर में पांचना से पानी उपलब्ध कराए जाने की मांग लगातार की जा रही है।

<p>पांचना बांध से गम्भीर नदी में पानी छोडऩे पर सहमति</p>
पांचना बांध से गम्भीर नदी में पानी छोडऩे पर सहमति
सूखी पड़ी गम्भीर नदी में पानी पहुंचने से इलाके के लोगों तथा पशु-पक्षियों को भी मिलेगी राहत

करौली। महावीर जयंती पर भगवान महावीर के अभिषेक के लिए गम्भीर नदी में पांचना बांध से कुछ दिनों में पानी छोड़े जाने के आसार है। इसको लेकर प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। वैसे भी सूखी हुई गम्भीर में पांचना से पानी उपलब्ध कराए जाने की मांग लगातार की जा रही है।
इसी क्रम में गुरुवार को जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग की अध्यक्षता मे पांचना संघर्ष समिति, बांध के कमांड एरिया के किसानों तथा गम्भीर नदी के पड़ोसी किसानों की बैठक आयोजित हुई। बैठक में पांचना बांध से पानी छोड़े जाने को लेकर चर्चा की गई।
बैठक में बांध के कमांड एरिया से आए प्रतिनिधि महेन्द्र सिंह कैमला तथा पीआर मीणा ने बांध की नहरों से पानी छोड़े जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि नहरों में पानी नहीं छोडऩे से उनकी भूमि में फसल उत्पादन नहीं हो पा रहा है। जबकि कमांड एरिया के लिए पानी उपलब्ध कराने को ही बांध का निर्माण कराया गया था। उनकी इस मांग पर पांचना संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा कि पहले बांध में चम्बल का पानी लाने के प्रबंध किए जाने चाहिए। उनका कहना था कि बांध में मिट्टी का भराव अधिक हो जाने से बांध में पानी की मात्रा कम है। ऐसे में बांध की गहराई बढ़ाकर इसमें चम्बल का पानी लाने से ही करौली जिले की पानी की समस्या का समाधान सम्भव हो सकेगा। बांध का पानी अगर नहरों में दिया गया तो इससे बांध के पड़ोसी गांवों में जल स्तर नीचे जाने से जल संकट गहरा जाएगा।
पूर्वी राजस्थान के किसान नेता विजय बैंसला ने जिला कलक्टर से सूखी पड़ी गम्भीर नदी में पानी के लिए चम्बल के पानी लाने की कार्य योजना बनाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि जगर बांध और गम्भीर नदी के सूखने से हिण्डौन और टोडाभीम के गांवों में पानी की समस्या विकराल हो गई है। लोग वहां से पलायन को मजबूर हो रहे हैं। सरकार को इस बारे में तत्काल प्रबंध करने चाहिए। उन्होंने कलक्टर से सरकार तक उनकी बात पहुंचाने का आग्रह किया।
उन्होंने बताया कि गम्भीर नदी सूखने से इलाके में पानी का संकट गहराया हुआ है। भूमि गत जलस्तर काफी नीचे चले जाने से नलकूपों से पानी नहीं मिल पा रहा। खेती के लिए तो पानी का संकट पहले से था। अब गर्मियों में पीने के पानी की भी समस्या सामने आ रही है।
गम्भीर नदी में पानी छोड़े जाने के मुद्दे पर गम्भीर नदी इलाके के किसानों का कहना था कि फिलहाल पांचना बांध से पानी निकासी किए जाने पर गम्भीर नदी के किनारे बसे गांवों का जलस्तर सुधर जाएगा और पशु-पक्षियों को प्यास बुझाने के लिए पानी भी मिल सकेगा। पांचना बांध का पानी गर्मी में वैसे ही सूख रहा है। इससे बेहतर है, इसका जनजीवन के लिए उपयोग हो सके। इस पर पांचना संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने सहमति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजन और जनजीवन के साथ पशु पक्षियों के लिए नदी में पानी छोड़े जाने पर उनका कोई विरोध नहीं। पांचना संघर्ष समिति की ओर से भानुप्रताप सिंह बटरू, बसंता सरपंच, कैप्टन राजाराम आदि मौजूद रहे।
इस सहमति के बाद उम्मीद की जा रही है कि जल्दी बांध से गम्भीर नदी में पानी की निकासी शुरू हो जाएगी। गौरतलब है कि महावीर जयंती के मौके पर भगवान महावीर का अभिषेक गम्भीर नदी के जल से ही किया जाता है।
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