फिर भी कम नही हुई मुसीबत यमुना में बाढ़ आने से यमुना पट्टी के करीब एक दर्जन गांव बढ़ की चपेट में हैं। गांव के रास्तों में पानी भरने से गांव टापू हो गए। रविवार शाम से यमुना का जलस्तर बढ़ने से सहायक नदी सेंगुर भी उफना गई थी। बताते चलें कि यमुना में कालपी पुल के पास खतरे का निशान 108 मीटर पर है। हालांकि मंगलवार सुबह से यमुना के जल स्तर में गिरावट होने से लोगों ने राहत की सांस ली। आढ़न पथार व पड़ाव के रास्तों में आठ फुट पानी भरे रहने से लोगों की मुसीबत कम नहीं हो रही है। मजबूरी में लोगों को आवागमन के लिए नाव का सहारा लेना पड़ा।
कालपी केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक जलस्तर सुबह 9 बजे – 105. 32 मीटर सुबह 10 बजे – 105.20 मीटर सुबह 11 बजे – 105. 11 मीटर दोपहर 12 बजे – 105.04 मीटर
अपराह्न 1 बजे – 104.98 मीटर अपराह्न 2 बजे – 104.94 मीटर अपराह्न 3 बजे – 104.90 मीटर शाम 4 बजे – 104.86 मीटर शाम 5 बजे – 104.82 मीटर
शाम 6 बजे – 104.78 मीटर बोले जिम्मेदार भोगनीपुुर उपजिलाधिकारी राजीव राज ने बताया कि आढन पथार के रास्ते में पानी भरने से इन गांवों के लोगों को आवागमन के लिए दो नावों की व्यवस्था कराई जा चुकी है। मंगलवार सुबह से ही यमुना के जल स्तर में लगातार गिरावट हो रही है। इससे बाढ़ का खतरा फिलहाल टल गया है। यमुना के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। पानी कम होने के बाद बीमारी की संभावना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया गया है। फसलों को हुए नुकसान का आंकलन करा प्रभावी कार्यवाही की जाएगी।