ये भी पढ़ें- संजय सिंह व गायत्री प्रजापति की बढ़ी मुश्किलें, अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज गांव हो या शहर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए भूमि अधिग्रहण में मुआवजे को लेकर बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। सर्किल रेट के मुताबिक अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा देने के बावजूद आंदोलन जैसी स्थितियां खड़ी हो जाती हैं। इसकी वजह से उद्योग लगाने में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कभी कभी आंदोलन उग्र होने पर पुलिस प्रशासन की सहायता से भूमि पर कब्जा करने की नौबत आ जाती है। पर अब केंद्र सरकार फ्लैटेड फैक्ट्री के निर्माण पर जोर दे रही है। इससे कम जगह में अधिक फैक्ट्रियों की स्थापना तो होगी ही, साथ ही भूमि अधिग्रहण को लेकर होने वाले व्यवधान से निजात भी मिल सकेगी। निगम प्रबंधन कानपुर के इन दोनों क्षेत्रों में फ्लैैटेड फैक्ट्री स्थापित कराएगा। इन फ्लैटेड उद्योगों की खासियत यह होगी कि यहां भवनों के निर्माण के साथ ही बिजली विभाग, प्रदूषण बोर्ड सहित अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र ले लिए जाएंगे। जिससे उद्यमियों का उद्योग लगाने के दौरान समय बचेगा।
ये भी पढ़ें- अब मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का बदला नाम, कहलाएगा बनारस, पीएम मोदी को गिफ्ट प्रोजेक्ट के मुताबिक इन फ्लैटेड उद्योग में लिफ्ट की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। इसके बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनने के बाद उसे निगम बोर्ड की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। साथ ही यहां कारोबार करने वाले लोगों को आवास भी मिलेगा। 90 साल की लीज पर एक हॉल मिलेगा, जिसमें रहने के साथ व्यवसायिक कार्य भी किए जा सकेंगे।