मोदी को दिखाने के लिए शुरू हुआ था काम
नगर निगम ने प्रधानमंत्री के कानपुर दौरे से पहले गंगा किनारे के रानी घाट से सटे सरजूपुरवा में ताबड़तोड़ शौचालयों का निर्माण शुरू कराया था। मकसद मोदी को यह दिखाना था कि खुले में शौच बंद है और इन घरों की गंदगी गंगा में नहीं जाती। यहां गड्ढे तो खोदे गए पर मोदी यहां नहीं जा सके तो अफसर बिना शौचालय बनाए ही निकल गए। जाते-जाते दरवाजे महिलाओं के हाथों में थमा गए। प्रधानमंत्री के नाम पर शौचालयों के निर्माण में हुए खेल ने ओडीएफ की सच्चाई को उजागर कर दिया है।
नगर निगम ने प्रधानमंत्री के कानपुर दौरे से पहले गंगा किनारे के रानी घाट से सटे सरजूपुरवा में ताबड़तोड़ शौचालयों का निर्माण शुरू कराया था। मकसद मोदी को यह दिखाना था कि खुले में शौच बंद है और इन घरों की गंदगी गंगा में नहीं जाती। यहां गड्ढे तो खोदे गए पर मोदी यहां नहीं जा सके तो अफसर बिना शौचालय बनाए ही निकल गए। जाते-जाते दरवाजे महिलाओं के हाथों में थमा गए। प्रधानमंत्री के नाम पर शौचालयों के निर्माण में हुए खेल ने ओडीएफ की सच्चाई को उजागर कर दिया है।
फोटो में दिखाया गया पूरा निर्माण
14 दिसंबर २०१९ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर आए थे। उससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया था कि घाटों के किनारे रहने वालों के घरों का सीवेज गंगा में नहीं जाना चाहिए। खुले में शौच भी बंद कराया जाए। लिहाजा प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार सिंह ने निर्देश दिया था कि जिन घरों में शौचालय नहीं हैं वहां तत्काल बना दिए जाएं। पीएम के आगमन से पहले ही दावा किया गया कि सारे शौचालय बना दिए गए हैं। पर हकीकत यह है कि जिन शौचालयों को पूरा बना बताया गया था वो भी सिर्फ फोटो खींचकर सुबूत दिखाने के लिए था। कहीं पाइप ही नहीं डाली तो सीट ही नहीं रखी।
14 दिसंबर २०१९ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर आए थे। उससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया था कि घाटों के किनारे रहने वालों के घरों का सीवेज गंगा में नहीं जाना चाहिए। खुले में शौच भी बंद कराया जाए। लिहाजा प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार सिंह ने निर्देश दिया था कि जिन घरों में शौचालय नहीं हैं वहां तत्काल बना दिए जाएं। पीएम के आगमन से पहले ही दावा किया गया कि सारे शौचालय बना दिए गए हैं। पर हकीकत यह है कि जिन शौचालयों को पूरा बना बताया गया था वो भी सिर्फ फोटो खींचकर सुबूत दिखाने के लिए था। कहीं पाइप ही नहीं डाली तो सीट ही नहीं रखी।
टीम ने नहीं देखी जमीनी हकीकत
शहर को ओडीएफ प्लस प्लस का तमगा दिलाने वाली क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया की टीम ने गंगा किनारे शौचालयों के निर्माण के नाम पर हुए मजाक को देखा ही नहीं। अगर देखा तो अनदेखी कर देती। इतने भारी पैमाने पर यहां गड़बड़ी हुई मगर इसके बाद भी कानपुर को ओडीएफ प्लस प्लस का तमगा दे दिया। स्थिति यह है कि गंगा किनारे के इलाके में कई घर ऐसे मिले जहां गड्ढे तो खोदे गए मगर शौचालय नहीं बनाए गए।
शहर को ओडीएफ प्लस प्लस का तमगा दिलाने वाली क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया की टीम ने गंगा किनारे शौचालयों के निर्माण के नाम पर हुए मजाक को देखा ही नहीं। अगर देखा तो अनदेखी कर देती। इतने भारी पैमाने पर यहां गड़बड़ी हुई मगर इसके बाद भी कानपुर को ओडीएफ प्लस प्लस का तमगा दे दिया। स्थिति यह है कि गंगा किनारे के इलाके में कई घर ऐसे मिले जहां गड्ढे तो खोदे गए मगर शौचालय नहीं बनाए गए।