कोरोना को मात देने के लिए टास्क फोर्स, एक हजार आईआईटियन मिलकर लड़ेंगे

देश की 23 आइआइटी के पुरातन छात्रों ने कोविड-19 टास्क फोर्स बनायी

<p>कोरोना को मात देने के लिए टास्क फोर्स, एक हजार आईआईटियन मिलकर लड़ेंगे</p>
कानपुर। जानलेवा महामारी कोविड-१९ यानि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई तेज हो रही है। एक ओर डॉक्टर मरीजों का इलाज कर जान बचाने में जुटे हैं तो पुलिस लॉकडाउन के जरिए संक्रमण के प्रसार पर रोक लगाने में जुटी है। इनके साथ ही सफाईकर्मी भी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। दूसरी ओर देश-विदेश के तमाम वैज्ञानिक कोरोना का एंटीडोज और वैक्सीन बनाने में दिन रात एक किए हैं। इनके साथ ही कंधे से कंधा मिलाकर प्रौद्योगिकी के महारथी यानि आईआईटियंस भी एकजुट हो रहे हैं। आईआईटी के पुरातन छात्रों ने एक कोविड-१९ टास्क फोर्स तैयार की है, जिसके तहत वह अपनी तकनीक, शोध और मजबूत इच्छाशक्ति से खतरनाक वायरस को भगाने के लिए तैयार हो रहे हैं।
२३ आईआईटी के छात्र शामिल
इस टास्क फोर्स में देश की 23 आइआइटी के पुरातन छात्रों ने मिलकर प्रयास शुरू किया है। जिसमें एक हजार से अधिक सदस्य शामिल हैं। यह दिल्ली, कोलकाता, मद्रास, चेन्नई, पंजाब, चंडीगढ़, कानपुर समेत 100 से अधिक शहरों में रहकर काम करेंगे। इनका सहयोग देश ही नहीं विदेश में रह रहे एल्युमिनाई काउंसिल के 55 से 60 हजार सदस्य कर रहे हैं।
एल्युमिनाई काउंसिल का मिलेगा सहयोग
आईआईटी के पुरातन छात्रों से संबंधित मामलों को हल कराने के लिए छात्रों की एल्युमिनाई काउंसिल बनी हुई हर साल इसके सदस्य एल्युमिनाई मीट और अन्य अवसरों पर संस्थानों में आते हैं। कोरोना का संक्रमण बढऩे पर परिषद ने इसकी रोकथाम के लिए तकनीकी सहयोग करने का निर्णय लिया। इसके पदाधिकारियों और सदस्यों के बीच बैठक हुई, जिसमें मिलकर काम करने की रणनीति बनाई गई।
प्रिसिंपल साइंटिफिक ऑफिसर का नेतृत्व
कोरोना के खिलाफ लड़ाई को बेहतर बनाने के लिए अलग टास्क फोर्स गठित कर दी गई, जिसकी जिम्मेदारी आइआइटी कानपुर के पुरातन छात्र व भारत सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक ऑफिसर डॉ. के विजय राघवन को मिली है। इस टास्क फोर्स में बायोटेक्नोलॉजी, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, आॢटफिशियल इंटेलीजेंस और केमिकल इंजीनियङ्क्षरग ब्रांच से जुड़े पुराने छात्र शामिल हैं। पुरातन छात्रों के समूहों को देश ही नहीं विदेश से भी आॢथक सहयोग मिल रहा है। कई कंपनियां और औद्योगिक इकाइयां टीम के रूम में काम कर रही हैं।
अब तक की उपलब्धि
पूर्व छात्रों की इस टास्क फोर्स ने कोरोना संदिग्धों के सैंपल लेने के लिए खास तरह की बस और लो कॉस्ट वेंटीलेटर का निर्माण किया। एल्गोरिथम का इस्तेमाल कर पूल टेस्टिंग आसान की और अब संक्रमण का पता लगाने के लिए यह टास्क फोर्स टेस्टिंग किट विकसित कर रही है। एक्स-रे के माध्यम से ही संक्रमण पता लगाने की तैयारी भी की जा रही है। टास्क फोर्स के छात्रों ने ड्रोन से सैनिटाइजेशन की तकनीक भी विकसित की और अब कोरोना के जीन और वायरस के नष्ट होने की स्थितियों को तलाशा जा रहा है। काउंसिल में डायरेक्टर्स ग्रुप के अध्यक्ष प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि आइआइटी एल्युमिनाई काउंसिल की ओर से गठित टास्क फोर्स दिन और रात एक किए हुए है। इसमें एक हजार सदस्य तो सीधे तौर पर शामिल हैं, जबकि करीब 60 हजार सदस्य सहयोग कर रहे हैं।
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