आपको बता दें कि कानपुर में जिला पंचायत सदस्यों की 32 सीटें हैं, जिनमे से भाजपा के 9 सदस्य ही जीत हासिल कर सके हैं। सीटें काम जीतने के बावजूद पार्टी जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए अपनी दावेदारी को नहीं छोडऩा चाहती। हालांकि अध्यक्ष पद पर जीत हासिल करने के लिए 17 वोट चाहिए होंगे। फिलहाल किसी दल के पास 17 वोट अकेले नहीं हैं। भाजपा अपने नौ सदस्यों के साथ छह निर्दलीय और निषाद पार्टी की सोमवती निषाद के भरोसे चुनाव मैदान में उतरने का मन बना रही है। आरक्षण को देखते हुए अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के पास पूर्व मंत्री स्वर्गीय कमलरानी वरुण की बेटी स्वप्निल वरुण का नाम और इसके अलावा राजा दिवाकर हैं।
स्वप्निल वरुण (Swapnil Varun) जहां गिरसी सीट से जीती हैं वहीं राजा दिवाकर राधन सीट से विजयी हुए। पार्टी में दोनों के चहेते क्षेत्रीय कार्यालय से लेकर प्रदेश कार्यालय तक जुगाड़ लगा रहे हैं। इसके लिए बैठकें कर ग्रामीण क्षेत्र के विधायक भी सेटिंग बना रहे हैं। इसमें एक सांसद एक तरफ हैं तो उनकी संसदीय सीट में ही आने वाली विधानसभा क्षेत्र से जुटे विधायक दूसरी तरफ लगे हुए हैं। हालांकि पार्टी के पास 9 सदस्यों हैं इसके अलावा 8 और सदस्य चाहिए। इसके लिए पार्टी से उतरने वाले प्रत्याशी को अन्य सदस्य जुटाने के लिए काफी मेहनत करनी होगी।