शिवपाल यादव ने अखिलेश के एक बयान पर कसे तंज, फिर बोले अकेला चला था लोग मिलते गए और बनता गया कारवां…

उन्होंने भतीजे अखिलेश यादव का नाम लिए बिना कहा कि जिनको मैंने पाल पोषकर बड़ा किया हो और वो मुझे जसवंतनगर की सीट देकर मुझ पर एहसान जताने की बात कर रहे हैं।

<p>शिवपाल यादव ने अखिलेश के एक बयान पर कसे तंज, फिर बोले अकेला चला था लोग मिलते गए और बनता गया कारवां&#8230;</p>
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
इटावा. सैफई में कोठी पर अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव के लिए एक वाकया कहा था। जिसके बाद अपने जन्मदिन के अवसर पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी प्रमुख शिवपाल सिंह यादव के मन का मलाल मंच पर आया। जन्मदिन के अवसर पर इस्लामिया कॉलेज में एक कार्यक्रम में अपने दर्द का बखान किया। उन्होंने भतीजे अखिलेश यादव का नाम लिए बिना कहा कि जिनको मैंने पाल पोषकर बड़ा किया हो और वो मुझे जसवंतनगर की सीट देकर मुझ पर एहसान जताने की बात कर रहे हों। तो अच्छा नहीं लगता है।
उन्होंने कहा कि मैंने सपा की बुनियाद बनाने के लिए कितना संघर्ष किया है मैं जानता हूं। कई बार सपा के लिए 403 सीटों की सूची तैयार की। और वो मुझे एक सीट का लॉलीपॉप देकर मजाक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1988 में दिन रात एक करके जिस संघर्ष के साथ पार्टी को आगे बढ़ाया था, अब वही फिर से करना पड़ रहा है।
दरअसल 14 नवंबर को दीपावली के अवसर पर सैफई स्थित आवास पर पत्रकार वार्ता में अखिलेश यादव ने जसवंतनगर सीट से चाचा शिवपाल के खिलाफ प्रत्याशी न लड़ाने का एलान किया था। इस दौरान उन्होंने सरकार बनने पर शिवपाल को मंत्रालय देने की बात भी कही थी। वहीं मंगलवार को मुशायरे के दौरान शिवपाल ने अखिलेश के उस बयान के जवाब में तंज कसे। फिर एकाएक शिवपाल भावुक होकर बोले मैं सफर पर अकेला ही चला था। लोग मिलते गए और कारवां बनता गया। फिलहाल जिला पंचायत की हर सीट से चुनाव लड़ाने का संकेत देकर शिवपाल ने जिले में ही सपा के सामने कड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।
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