आईआईटी में बनेगा सीओई
प्रदेश सरकार ने आईआईटी कानपुर में प्रदेश का उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) बनाने का फैसला लिया है। यहां नए-नए शोध किए जाएंगे, जिनसे प्रदेश देश में और देश दुनिया में तकनीक के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बन सके। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 15 करोड़ रुपए का बजट भी पास कर दिया है। कानपुर के अलावा दूसरा उत्कृष्टता केंद्र आईआईटी बीएचयू में भी बनेगा।
प्रदेश सरकार ने आईआईटी कानपुर में प्रदेश का उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) बनाने का फैसला लिया है। यहां नए-नए शोध किए जाएंगे, जिनसे प्रदेश देश में और देश दुनिया में तकनीक के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बन सके। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 15 करोड़ रुपए का बजट भी पास कर दिया है। कानपुर के अलावा दूसरा उत्कृष्टता केंद्र आईआईटी बीएचयू में भी बनेगा।
सेना के लिए नैनो मैटेरियल
आईआईटी कानपुर के इस उत्कृष्टता केंद्र में वैज्ञानिक नैनो सामग्री पर शोध कर रहे हैं। इसका प्रयोग डिफेंस के साथ कई चीजों में किया जा सकता है। इससे देश को काफी लाभ होगा और यहां की टेक्नोलाजी विदेशी तकनीकी के बाजार को टक्कर दे सकेगी।
आईआईटी कानपुर के इस उत्कृष्टता केंद्र में वैज्ञानिक नैनो सामग्री पर शोध कर रहे हैं। इसका प्रयोग डिफेंस के साथ कई चीजों में किया जा सकता है। इससे देश को काफी लाभ होगा और यहां की टेक्नोलाजी विदेशी तकनीकी के बाजार को टक्कर दे सकेगी।
यूएवी और साइबर सुरक्षा
यूएवी आईआईटी कानपुर में मानवरहित व्हीकल (यूएवी) पर शोध हो रहा है। संस्थान में बन रहे ड्रोन में इसी तकनीक का प्रयोग हो रहा है। साइबर सुरक्षा आईआईटी कानपुर में अत्याधुनिक कम्प्यूटर लैब सी3आई बनी है। यहां साइबर हमले से बचने व उसे पहचानने पर शोध चल रहा है।
यूएवी आईआईटी कानपुर में मानवरहित व्हीकल (यूएवी) पर शोध हो रहा है। संस्थान में बन रहे ड्रोन में इसी तकनीक का प्रयोग हो रहा है। साइबर सुरक्षा आईआईटी कानपुर में अत्याधुनिक कम्प्यूटर लैब सी3आई बनी है। यहां साइबर हमले से बचने व उसे पहचानने पर शोध चल रहा है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार
इस सब के अलावा यहां पर वैज्ञानिक इलेक्ट्रॉनिक्स व संचार पर शोध करेंगे। भविष्य में ये चारों तकनीकें किसी भी देश के लिए जरूरी होंगी। इसी तरह आईआईटी बीएचयू को स्मार्ट सामग्री व सेंसर सामग्री, सम्मिश्र धातु, सुरक्षा, खतरा जांच, रक्षा वास्तुकला पर शोध करना है।
इस सब के अलावा यहां पर वैज्ञानिक इलेक्ट्रॉनिक्स व संचार पर शोध करेंगे। भविष्य में ये चारों तकनीकें किसी भी देश के लिए जरूरी होंगी। इसी तरह आईआईटी बीएचयू को स्मार्ट सामग्री व सेंसर सामग्री, सम्मिश्र धातु, सुरक्षा, खतरा जांच, रक्षा वास्तुकला पर शोध करना है।