इसमें बताया गया है कि ऐसे कर्मचारी जिनका मासिक वेतन 15 हजार से कम है और उनके पास यूनिवर्सल एकाउंट नंबर (UAN) है, उन्हीं को योजना का लाभ मिलेगा। कोरोना के संकट काल के दौरान 1 मार्च 2020 से लेकर 30 सितंबर 2020 के बीच जिनकी नौकरी चली गई। नियोक्ता अगर वापस उन्हें नौकरी पर रखते हैं तो उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही उन कंपनियों को भी इसका लाभ मिलेगा जो 10 अक्तूबर 2020 से 30 जून 2021 तक लोगों को नए रोजगार देंगी।
इसमें सरकार 30 जून 2023 तक नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के पीएफ का हिस्सा खुद जमा करेगी। ऑल इंडिया ईपीएफ स्टाफ फेडरेशन के पूर्व सलाहकार राजेश कुमार शुक्ला ने बताया कि इस नई योजना से नियोक्ता पर से दो साल तक पीएफ जमा करने का भार खत्म हो जाएगा। इस स्कीम के तहत पंजीकरण कराने वाले नियोक्ताओं को इसका लाभ मिलेगा। इस योजना से नए रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे।