इसके लिए केंद्र सरकार क्लस्टर डेवलपमेंट योजना के तहत वित्तीय मदद देगी। जिससे इस निर्माण कार्य में निगम पर खर्च का ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा। गांव हो या शहर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए भूमि अधिग्रहण में मुआवजे को लेकर बड़ी मसक्कत करनी पड़ती है। सर्किल रेट के मुताबिक अधिग्रहीत भूमि मा मुआवजा देने के बावजूद आंदोलन जैसी स्थितियां खड़ी हो जाती हैं। इसकी वजह से उद्योग लगाने में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कभी कभी आंदोलन उग्र होने पर पुलिस प्रशासन की सहायता से भूमि पर कब्जा करने की नौबत आ जाती है।
इसके चलते केंद्र सरकार अब फ्लैटेड फैक्ट्री के निर्माण पर जोर दे रही है। इससे कम जगह में अधिक फैक्ट्रियों की स्थापित होंगी। साथ ही भूमि अधिग्रहण को लेकर होने वाले व्यवधान से निजात मिल सकेगी। इसी वजह से अब निगम प्रबंधन कानपुर के इन दोनों क्षेत्रों में फ्लैैटेड फैक्ट्री स्थापित कराएगा। इन फ्लैटेड उद्योगों की खासियत यह होगी कि यहां भवनों के निर्माण के साथ ही बिजली विभाग, प्रदूषण बोर्ड सहित अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र ले लिए जाएंगे। जिससे उद्यमियों को उद्योग लगाने के समय ये औपचारिकता नहीं करनी होगी।
प्रोजेक्ट के मुताबिक इन फ्लैटेड उद्योग में लिफ्ट की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। इसके बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनने के बाद उसे निगम की बोर्ड बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। साथ ही यहां कारोबार करने वाले लोगों को आवास के लिए बड़ा लाभ होगा। 90 साल की लीज पर एक हॉल मिलेगा, जिसमें रहने के साथ ऑफिशियल कार्य कर सकेंगे। सरकार की फ्लैटेड उद्योग की इस योजना से कारोबारियों को बिना व्यवधान आसानी से अद्योग शुरू करने का सुनहरा अवसर मिल सकेगा।