पुलिस भर्ती फजीवाड़े में सामने आयी कंपनी ऑपरेटर की करतूत

बिना हस्ताक्षर और फोटो मिलाए अभ्यर्थी और सॉल्वर का कर दिया वेरीफिकेशन
साल्वरों के साथ ही फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनी ऑपरेटर पर भी मुकदमा दर्ज

<p>पुलिस भर्ती फजीवाड़े में सामने आयी कंपनी ऑपरेटर की करतूत</p>
कानपुर। पुलिस भर्ती प्रक्रिया में चल रहे बड़े फर्जीवाड़े में बड़े पैमाने पर खेल सामने आया है। जिसके बाद महकमे से लेकर अभ्यर्थियों में भी हडक़ंप मचा हुआ है। इनमें से कई अभ्यर्थियों की नौकरी भी तय हो चुकी थी। भर्ती कराने का ठेका लेने वालों की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है।
वेरीफिकेशन में किया गया खेल
पुलिस भर्ती प्रक्रिया में वेरीफिकेशन की जिम्मेदारी संभालने वाली टीसीएस कंपनी के ऑपरेटर फर्जी तरीके से बायोमीट्रिक पूरा करते थे। ये ऑपरेटर फर्जी हस्ताक्षर कर सॉल्वर व अभ्यर्थी का वेरीफिकेशन कर देते थे, जिससे उनका आगे का रास्ता साफ हो जाता था। इस मामले में झांसी के इंस्पेक्टर ने सॉल्वर, अभ्यर्थी व ऑपरेटरों समेत छह पर रिपोर्ट दर्ज की गई है।
कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ
इस मामले में टीसीएस कंपनी के अधिकारी भी लपेटे में आ गए हैं। जबकि सॉल्वर सोनू व अभ्यर्थी शिवकुमार फरार हो गए। बायोमीट्रिक हाजिरी में टीसीएस कंपनी के ऑपरेटर अंशु अवस्थी और अनिल कुमार ने बिना हस्ताक्षर और फोटो मिलाए स्वीकृत शीट पर फर्जी हस्ताक्षर करके सॉल्वर व अभ्यर्थी को पास कराया। कोतवाली इंस्पेक्टर ने बताया कंपनी के ऑपरेटरों पर रिपोर्ट दर्ज हुई है। इस खेल का खुलासा तब हुआ जब अभ्यर्थी पंकज चौधरी और सॉल्वर विनोद कुमार को पुलिस ने पकड़ा।
५० हजार में नौकरी लगवाने का ठेका
इस खेल में पुलिस सरगना राजकुमार पंडित की तलाश कर रही है। पुलिस ने बताया कि राजकुमार अभ्यर्भियों से दो तरह का ठेका लेता था। पहला सॉल्वर के जरिए परीक्षा पास कराने का ठेका और दूसरा बेरीफिकेशन और बायोमीट्रिक क्लियर कराने का। इसके बाद नौकरी लगने का रास्ता साफ हो जाता है।
एक अभ्यर्थी और सॉल्वर को जेल
इस मामले में पुलिस ने अभ्यर्थी पंकज चौधरी और सॉल्वर विनोद कुमार को कोर्ट में पेश किया और वहां से दोनों को जेल भेज दिया गया। जबकि फरार आरोपी सोनू और शिवकुमार की तलाश की जा रही है। ठेका लेने वाले राजकुमार की तलाश में भी संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जाएगी।
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