कराने जा रहे हैं बच्चे का एडमिशन तो इन चीजों को लेकर रहे सतर्क

शुरू में कुछ खास बातों की अनदेखी बन सकती परेशानी की वजह डिस्टर्ब हो सकती है बच्चे की पढ़ाई, अभिभावक का समय होगा बर्बाद

<p>कराने जा रहे हैं बच्चे का एडमिशन तो इन चीजों को लेकर रहे सतर्क</p>
कानपुर। छोटे बच्चों का स्कूलों में प्रवेश की शुरूआत हो गई है। ज्यादातर स्कूलों ने रजिस्ट्रेशन शुरू करा दिया है। इसे लेकर अभिभावकों में भी बच्चे के एडमिशन को लेकर भागदौड़ शुरू हो गई है। मगर जल्दबाजी में बिना सोचे समझे बच्चे का एडमिशन किसी भी स्कूल में कराना परेशानी की वजह बन सकता है। क्लास भले ही नर्सरी की हो पर कुछ बातों को ध्यान में रखते हुए ही स्कूल का चयन करना चाहिए। वरना आपका समय भी बर्बाद होगा और बच्चे को भी अकारण परेशानी हो सकती है।
स्कूलों में प्रतिस्पर्धा
रिजल्ट और अनुशासन की दृष्टि से अच्छे कहे जाने वाले स्कूलों के बीच इसे लेकर प्रतिस्पर्धा है। स्कूल चाहते हैं कि उनके नाम के अनुसार मेधावी बच्चे मिल जाएं। ऐसे में एक के बाद एक स्कूल ने जल्दी से जल्दी प्रवेश के लिए पंजीकरण कराना शुरू कर दिया है। बोर्ड परीक्षाओं की तिथियों में हो रहे बदलाव का असर प्रवेश प्रक्रिया पर भी पड़ा है। बोर्ड परीक्षाएं फरवरी में शिफ्ट हो जाने से स्कूलों ने प्रवेश प्रक्रिया भी पहले शुरू कर दी है।
तैयार रखें सभी दस्तावेज
प्रवेश के समय बच्चे से संबंधित सभी दस्तावेज तैयार रखें। क्योंकि अगर प्रवेश के समय आपके पास कोई भी दस्तावेज कम हुआ तो हो सकता है कि उस वक्त एडमिशन न मिल पाए और जब तक आप कागज तैयार कराकर दोबारा पहुंचे, तब तक कक्षा में जगह ही खाली न बचे। कुछ स्कूल बच्चे का आधार कार्ड भी मांग सकते हैं इसलिए अभी से सभी कागज दुरुस्त करके रख लें, हो सकता है कि इनकी जरूरत पड़ जाए।
सुरक्षा सबसे पहले
स्कूल चयन के दौरान में सुरक्षा ऐसा सबसे अहम मुद्दा है जिस पर अभिभावकों को इस पर अधिक ध्यान देना चाहिए। इसी तरह स्कूल की मान्यता के बारे में जरूर पता कर लेना चाहिए। स्कूल अगर दूरी पर है तो सडक़ सुरक्षा और कंवेंस की स्थिति कैसी है। कैंटीन के बारे में भी पूरी जानकारी लेनी चाहिए, कि वहां पर क्या-क्या और कैसा खाना मिलता है। स्कूल की सुरक्षा के बारे में जरूर जान लें, देखें सीसीटीवी कैमरे हैं या नहीं, स्कूल में बाउंड्रीवॉल है या नहीं, स्वीमिंग पूल में सेफ्टी बेल्ट है या नहीं। यदि स्कूल मल्टी स्टोरी भवन है तो यहां चढऩे-उतरने के लिए स्टेयर्स कैसे हैं, यदि बच्चा विकलांग है तो स्कूल में यह जरूर देख लें कि रैंप हैं या नहीं।
स्कूल की दूरी का रखें ध्यान
छोटा बच्चा चाहे पैदल जाए या रिक्शे, गाड़ी पर और चाहे आप खुद उसे अपने वाहन पर छोडऩे जाएं, पर इस बात का जरूर ख्याल रखें कि स्कूल घर से ज्यादा दूर नहीं होना चाहिए। स्कूल ज्यादा दूर होगा तो बच्चे को आने-जाने में ज्यादा समय लगेगा और यह उसके लिए परेशानी भरा हो सकता है। किसी भी इमरजेंसी में भी बच्चे को घर जल्दी लाना जरूरी हो जाता है, इसलिए दूरी का ध्यान रखें।
सुविधाओं को परख लें
स्कूल में मौजूद सुविधाओं के बारे में भी अच्छी तरह जान लें। देखें कि स्कूल में गर्मियों के दौरान पंखे व कूलर के लिए जनरेटर है या नहीं। पीने के साफ पानी के लिए आरओ है या सीधे टंकी से पानी पिलाया जा रहा है। बच्चों के खेलने के लिए झूले सुरक्षित है या फिर खराब या टूटे हुए हैं, ऐसे में बच्चा घायल हो सकता है।
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