इस समस्या से निजात दिलाने के लिए आईआईटी के प्रोफेसर सिद्धार्थ पांडा ने शोध सहयोगी विश्वराज श्रीवास्तव के साथ मिलकर टच सेंसिटिव वॉच फॉर द ब्लाइंड एंड विजुअली इम्पेयर्ड बनाई है। प्रोफेसर पांडा ने बताया कि घड़ी में 12 संकेतक लगाए गए हैं, जो एक बजे से 12 बजे तक की जानकारी देंगे। दरअसल अगर 12 बजकर 30 मिनट हुआ है तो 12 के संकेतक को स्पर्श करने पर लंबी देर तक कंपन होगा और छह के संकेतक को टच करने पर कम देर तक कंपन होगा। इस प्रकार से नेत्रहीन सही समय जान सकेंगे।
उन्होंने बताया कि इस प्रयोग को पेटेंट करा लिया गया है और प्रोटोटाइप भी तैयार कर लिया है। हालांकि अभी इसकी कीमत नहीं बताई गई है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि आईआईटी के प्रोफेसर और शोधार्थी टच सेंसिटिव, टेक्सटाइल और हैप्टिक वॉच के साथ समावेशी तकनीक और सुलभ इंटरफेस को आगे ले जा रहे हैं। दृष्टिबाधित के लिए यह काफी कारगर है। यह नवाचार सराहना के काबिल है। निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने भी इस नवाचार की सराहना की है।