जब मरे हुए अहमद हसन ने अपने घर का दरवाजा खटखटाया

अहमद हसन की जगह दफनाए गए व्यक्ति की पहचान में जुटी कानपुर पुलिस

<p>जब मरे हुए अहमद हसन ने अपने घर का दरवाजा खटखटाया</p>
कानपुर. जैसे ही देर रात एसी मैकेनिक अहमद हसन ने अपने घर का दरवाजा खटखटाया, खोलने वाला हड़बड़ा गया और उसकी घिग्गी बंध गई। थोड़ी देर में जब वह संयत हुआ तो भौचक्का परिजन सोच में पड़ गया कि जिसे दफना दिया था वह कैसे जिंदा सामने खड़ा है। घरवाले तो खुश थे, पुलिस को सूचना दी गई। अहमद हसन से पूछताछ की गई, उसने सिद्ध कर दिया कि वह अहमद हसन है। अब पुलिस विभाग और परिजन सोच में पड़ गए कि आखिर वह व्यक्ति कौन था, जिसे अहमद हसन समझ कर दफना आए हैं। इस उलझी पहेली को सुलझाने के लिए कानपुर पुलिस के हाथ पांव फूल गए हैं। और अब पुलिस शव को कब्र से बाहर निकालने की तैयारी कर रही है। पुलिस जांच कर उसकी पहचान को पुख्ता करने का प्रयास करेगी।
मामला कानपुर चकेरी के ओमपुरवा का है। जहां अहमद हसन अपनी पत्नी से नाराज होकर दो अगस्त की शाम घर से कहीं चले गए। दो दिन तक इंतजार किया गया कि आ जाएंगे। पर जब अहमद हसन नहीं आए तो पत्नी ने घबरा कर चार अगस्त को चकेरी पुलिस चौकी में उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई। अगले ही दिन पांच अगस्त को कर्नलगंज के यतीमखाना के पीछे एक लावारिस शव मिला। जिसकी पहचान चकेरी निवासी ताजिम ने भाई अहमद हसन के रूप में की। पोस्टमार्टम में सामने आया कि युवक के सिर पर भारी वस्तु से प्रहार कर घायल कर दिया गया और धारदार हथियार से वार करके हत्या की गई है। इसके बाद शव की पहचान खत्म करने के लिए केरोसिन तेल डालकर जलाने की कोशिश की गई।
पुलिस सीसीटीवी कैमरों और सर्विलांस की मदद से मामले की तफ्तीश में जुटी थी कि शुक्रवार रात करीब ग्यारह बजे अहमद हसन अपने घर ओमपुरवा पहुंच गए। अहमद हसन ने बताया कि पत्नी से झगड़ा करने के बाद वह शहर से बाहर चले गए थे। बच्चों की याद आई तो लौट आए। एसपी पश्चिमी डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि अहमद हसन सकुशल घर लौट आया है। कर्नलगंज के यतीमखाना के पास जिस व्यक्ति का शव मिला था उसकी पहचान कराने की कोशिश की जा रही है।
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