लोगों की शिकायत पर डीआईजी ने की कार्रवाई
यह देह व्यापार का रैकेट यहां पर काफी समय से चल रहा था, जिससे आर्यनगर के लोग परेशान हो गए थे। लोगों ने डीआईजी से मामले की शिकायत की। इसके बाद डीआईजी अनंत देव के आदेश पर सीओ कलक्टरगंज श्वेता यादव ने स्वरूपनगर और कर्नलगंज पुलिस के साथ आर्य नगर के मकान नंबर 8/58 में छापा मारा। सटीक मुखबिरी के चलते पुलिस ने मौके से कर्नलगंज निवासी सेक्स रैकेट संचालक मोहम्मद यूनुस, औरैया के टायर कारोबारी विशाल और गौरव के साथ दो कॉलगर्ल को गिरफ्तार कर लिया।
यह देह व्यापार का रैकेट यहां पर काफी समय से चल रहा था, जिससे आर्यनगर के लोग परेशान हो गए थे। लोगों ने डीआईजी से मामले की शिकायत की। इसके बाद डीआईजी अनंत देव के आदेश पर सीओ कलक्टरगंज श्वेता यादव ने स्वरूपनगर और कर्नलगंज पुलिस के साथ आर्य नगर के मकान नंबर 8/58 में छापा मारा। सटीक मुखबिरी के चलते पुलिस ने मौके से कर्नलगंज निवासी सेक्स रैकेट संचालक मोहम्मद यूनुस, औरैया के टायर कारोबारी विशाल और गौरव के साथ दो कॉलगर्ल को गिरफ्तार कर लिया।
पत्रकारिता की आड़ में चलाता था रैकेट
इस रैकेट में एक कथित पत्रकार भी शामिल है। सीओ स्वरूपनगर अजीत सिंह चौहान ने बताया कि मोहम्मद यूनुस पत्रकारिता की आड़ में सेक्स रैकेट चला रहा था। उसके पास से एक फर्जी चैनल का आईकार्ड भी बरामद हुआ है। उसने 10 हजार रुपए किराए पर मकान लिया था। इस मामले में मकान मालिक के भूमिका की भी जांच की जा रही है।
इस रैकेट में एक कथित पत्रकार भी शामिल है। सीओ स्वरूपनगर अजीत सिंह चौहान ने बताया कि मोहम्मद यूनुस पत्रकारिता की आड़ में सेक्स रैकेट चला रहा था। उसके पास से एक फर्जी चैनल का आईकार्ड भी बरामद हुआ है। उसने 10 हजार रुपए किराए पर मकान लिया था। इस मामले में मकान मालिक के भूमिका की भी जांच की जा रही है।
मोटी रकम में होता था सौदा
पुलिस की जांच में सामने आया है कि पांच हजार से लेकर दस हजार रुपये तक में डील होती थी। पूरा सौदा व्हाट्सएप पर ऑनलाइन होता था। यूनुस व्हाट्सएप पर ग्राहकों को कॉलगर्ल की फोटो रेट के साथ भेजता था। डील तय होने के बाद मकान में कॉलगर्ल उपलब्ब्ध कराता था। इस हाईटेक तरीके से होने वाले काले कारोबार तक पुलिस देर से पहुंच पायी। पुलिस ने कारोबारी ग्राहक की कार भी सीज कर दी है। इसमें कई सफेदपोश लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं। पुलिस गिरफ्तार लोगों से पूछताछ कर उनका पूरा नेटवर्क खंगालने में लगी है।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि पांच हजार से लेकर दस हजार रुपये तक में डील होती थी। पूरा सौदा व्हाट्सएप पर ऑनलाइन होता था। यूनुस व्हाट्सएप पर ग्राहकों को कॉलगर्ल की फोटो रेट के साथ भेजता था। डील तय होने के बाद मकान में कॉलगर्ल उपलब्ब्ध कराता था। इस हाईटेक तरीके से होने वाले काले कारोबार तक पुलिस देर से पहुंच पायी। पुलिस ने कारोबारी ग्राहक की कार भी सीज कर दी है। इसमें कई सफेदपोश लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं। पुलिस गिरफ्तार लोगों से पूछताछ कर उनका पूरा नेटवर्क खंगालने में लगी है।