ये रही उर्सला अस्पताल स्थापना की वजह आपको बताते हैं कि अल्बर्ट फ्रांसिस हॉर्समैन के बेटे अल्बर्ट हॉर्समैन का विवाह वर्ष 1921 में उर्सला के साथ हुआ था। उन दोनों को चार संतानें मोराइनी, हेनरी, जॉन और पीटर हुईं। अलबर्ट हॉर्समैन अपनी पत्नी उर्सला से बेइंतहां प्रेम करता था। उनकी खूबसूरती की मिशाल थी। इसलिए उस समय उन्हें-हुस्न-ए-मल्लिका के उपनाम से संबोधित किया जाता था। मगर एक विमान हादसे नेे अलबर्ट्ट को झकझोर कर रख दिया। जब वर्ष 1935 में ब्रिटिश इंपीरियल एयरवेज का विमान हादसे का शिकार हो गया, जिसमें यात्रा कर रही उर्सला की मौत हो गई। इस घटना के बाद से अल्बर्ट हॉर्समैन एवं उसका छोटा भाई हेनरी हॉर्समैन व्यथित हो गए। इसलिए उर्सला की यादों को जेहन में संजोने के लिए एक अस्पताल की स्थापना की गई। जिसका नाम यू.एच.एम (उर्सला हॉर्समैन मेमोरियल हॉस्पिटल) रखा गया, जिसे आज लोग उर्सला अस्पताल के नाम से जानते हैं।
उर्सला हॉर्समैन मेमोरियल हॉस्पिटल में सुविधाएं इस अस्पताल (Kanpur Hospital) में वर्तमान समय में 550 बेड हैं। इसके साथ ही इसकी मंडलीय चिकित्सालय के रूप में पहचान है। यह अस्पताल आज बर्न यूनिट, कार्डियक यूनिट, डायलिसिस यूनिट, फिजियोथेरेपी, आइसीयू, आइसीसीयू, एमआरआइ, सीटी स्कैन, वेंटीलेटर, पीबीयू, नियोनेटल यूनिट, सीआर्म, डिजिटल एक्सरे, अल्ट्रासाउंड जांच, कम्यूटराइज्ड पैथालॉजी, ब्लड बैंक, ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर यूनिट एवं जीरियाटिक वार्ड आदि सुविधाओं से व्यवस्थित है।
उर्सला अस्पताल, आयोजन कमेटी के सदस्य, डॉ. शैलेंद्र तिवारी ने बताया कि उर्सला अस्पताल अपने गौरवपूर्ण 84 वर्ष पूरे कर रहा है। इसका निर्माण उर्सला की याद में कराया गया था। अस्पताल का शुभारंभ हेनरी ग्राहम ग्रेग ने किया था।