परीक्षा में 12 नम्बर लाने वाली बनेंगी स्कूल लेक्चर

– 30 साल बाद स्कूलों में कृषि व्याख्याता की भर्ती- आरपीएससी ने मांगी बीएड योग्यता, पूरे देश में कृषि विषय में नहीं होती बीएड इसलिए 370 में से 256 पद ही भरे गए- केंद्र सरकार ने कृषि विज्ञान को प्रोफेशनल डिग्री मानी, राज्य सरकार नहीं मान रही

<p>परीक्षा में 12 नम्बर लाने वाली बनेंगी स्कूल लेक्चर</p>
जोधपुर. राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) की ओर से पांच दिन पहले घोषित कृषि व्याख्याता (स्कूली शिक्षा) परीक्षा परिणाम में परीक्षा में औने-पौने अंक हासिल करने वाले स्कूलों में लेक्चरर बनेंगे। ओबीसी महिला वर्ग में कटऑफ 12.53 अंक गई है यानी 450 अंक के प्रश्न पत्र में करीब 12 अंक हासिल करने वाला अभ्यर्थी स्कूल में पढ़ाएगा। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि शिक्षा विभाग ने भर्ती की योग्यता कृषि विज्ञान में स्नातकोत्तर के साथ बीएड रखी। पूरे देश में कृषि विज्ञान में बीएड पाठ्यक्रम नहीं होता है इसलिए 370 में से 256 सीटे ही चार-पांच काउंसलिंग के बाद बमुश्किल से भर पाई। सूत्रों के अनुसार ये 256 अभ्यर्थी भी जैसे-तैसे सामान्य विज्ञान अथवा कला विषय से बीएड की डिग्री लेकर आए हैं। आरपीएएसी ने यह भर्ती 1991 के बाद यानी तीस साल बाद निकाली है।
बीटैक, एमबीबीएस की तरह प्रोफेशनल डिग्री
देश में कृषि विज्ञान शिक्षा का नियामक संस्थान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) है। आईसीएआर ने 6 अक्टूबर 2016 को नोटिफिकेशन जारी करके कृषि विज्ञान स्नातक को एमबीबीएस, बीटैक, कम्प्यूटर साइंस की तरह प्रोफेशनल डिग्री घोषित कर दिया था। राज्य सरकार ने 2018 में कृषि व्याख्याता भर्ती निकाली, बावजूद इसके शिक्षा विभाग ने योग्यता में कोई संशोधन नहीं किया, जिसका खामियाजा अभ्यर्थियों और स्कूलों में पढऩे वाले सैंकड़ों बच्चों को अब भुगतना पड़ेगा। देश के अन्य राज्यों बिहार, तेलगांना, महाराष्ट्र कर्नाटक सहित कई राज्यों ने इसमें संशोधन कर दिया, लेकिन राजस्थान सरकार ने कृषि विश्वविद्यालयों की एक्सपर्ट कमेटी राय के बावजूद इसे सामान्य डिग्री ही मान रही है।
जब बीएड होती ही नहीं, तो हम कहां से करें
परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थी अंजलि जीनगर, प्रकाश चंद्र, देवेंद्र चंदेल, हुक्मसिंह, नैनाराम, राजीव परिहार, कुलवंत सहित दर्जनों अभ्यर्थियों ने मंगलवार को जोधपुर में प्रेस कॉन्फ्रैंस करके पत्रकारों को अपनी पीड़ा बताया। अभ्यर्थियों ने कहा कि मामला न्यायालय में है, बावजूद इसके परिणाम जारी कर दिया गया। आरपीएससी और शिक्षा विभाग दोनों ही उनकी नहीं सुन रहा। पीटीईटी के जरिए बीएड में प्रवेश नहीं ले सकते क्योंकि बीएड केवल स्नातक के विषयों में होती है। यहां शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों में प्रवेश ही नहीं दिया जाता। जब कृषि विज्ञान के अभ्यर्थी बीएड कर ही नहीं पा रहे हैं तो उनके लिए यह योग्यता किस आधार पर रखी गई है?
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कृषि विज्ञान के अभ्यर्थी बीएड नहीं कर सकते
बीएड में विषयों का समूह होता है। केमेस्ट्री के साथ बायोलॉजी अथवा फिजिक्स, आट्र्स में भी इसी तरह के विषय के समूह होते हैं। कृषि विज्ञान के विषय बीएड में नहीं है। ऐसे में कृषि विज्ञान में बीएड नहीं होती।
-डॉ शिरीष बालिया, प्रिंसिपल, शाह गोवद्र्धन लाल काबरा बीएड प्रशिक्षण महाविद्यालय
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आरपीएससी सचिव शुभम चौधरी से बातचीत
प्रश्न- परीक्षा में 12 अंक प्राप्त करने वाला स्कूल में लेक्चरर बनेगा और बच्चों को पढ़ाएगा?
उत्तर- मैं इसमें कुछ नहीं कह सकती। परीक्षा में न्यूनतम उत्तीर्णांक तय नहीं है।
प्रश्न- कृषि विज्ञान में बीएड होती ही नहीं है तो योग्यता क्यों रखी?
उत्तर- योग्यता हम नहीं रखते। शिक्षा विभाग योग्यता बनाकर हमें भेजता है। हम केवल भर्ती करते हैं। हमनें केवल बीएड मांगी थी, चाहे किसी भी विषय में हो।
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