एम्स में एनाटॉमी के उलट जाकर रिवर्स शोल्डर रिप्लेसमेंट तकनीक से ऑपरेशन

 
देश के गिने-चुने संस्थानों में होता है ऐसा ऑपरेशन
डॉ. गहलोत ने दो रोगियों में कंधे के जोड़ का सफ ल रिवर्स शोल्डर रिप्लेसमेंट किया

जोधपुर. एम्स जोधपुर में अब कंधे के जोड़ का रिवर्स शोल्डर रिप्लेसमेंट भी होने लगा है। इस तकनीक का उपयोग अभी देश के गिने चुने संस्थान ही कर रहे हैं, जिनमें अब एम्स जोधपुर का नाम भी शुमार हो चुका है। जोधपुर जिले का यह अपनी तरह का पहला ऑपरेशन है।
एम्स जोधपुर अधीक्षक प्रो. डॉ. एम के गर्ग ने बताया कि हाल ही में ऑर्थोपेडिक्स विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नितेश गहलोत ने दो रोगियों में कंधे के जोड़ का सफ ल रिवर्स शोल्डर रिप्लेसमेंट किया है। कंधा एवं घुटना जोड़ विशेषज्ञ डॉ गहलोत ने बताया कि इस नवीनतम तकनीक से एक 38 वर्षीय युवक एवं एक 64 वर्षीय वृद्धा को सर्जरी से ठीक किया गया है। ये रोगी पूर्व में हाथ उठाने, अपने नित्यकर्म में इस हाथ का उपयोग करने एवं यहां तक की अपने कपड़े पहनने में भी बेहद दर्द का अनुभव कर रहे थे या असमर्थ थे। इन दोनों में अब कंधे के सभी प्रकार के एक्शन बिना पीड़ा के पूरी तरह संभव हो गए हैं।
इसलिए कहते हैं रिवस…र्

प्राकृतिक रूप से बांह की हड्डी में बॉल होती है जो पीठ में स्थित स्केपुला हड्डी के सोकेट में फि ट होती है। सामान्य प्रत्यारोपण विधि में कृत्रिम बॉल को बांह की हड्डी में और कृत्रिम सोकेट को स्केपुला में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। परंतु अनेक रोगियों में इस विधि से हाथ का मूवमेंट पूरा नहीं हो पाता है, विशेष रूप से उन रोगियों में जिनके कंधे के जोड़ को स्थाई रखने वाली मांसपेशियां एवं टेंडन बुरी तरह से टूट-फू ट गए हो। ऐसे रोगियों के लिए एम्स में नवीन तकनीक का उपयोग कर, रिवर्स शोल्डर रिप्लेसमेंट किया जा रहा है, जिसमें कृत्रिम सोकेट को बांह की हड्डी में और कृत्रिम बॉल को स्केपुला में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है, यानि एनॉटॉमी ही उलट दी जाती है। डॉ. नितेश गहलोत ने इस तरह की जटिल सर्जरी के लिए प्रोत्साहित करने एवं सुविधाएं जुटाने के लिए संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. संजीव मिश्रा और अपने विभागाध्यक्ष प्रो. अभय एलहेंस का विशेष आभार जताया।
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