ड़ेढ़ दशक से स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर अस्पताल भवन-सड़क नामकरण के आदेश कागजों में ही

संभागीय आयुक्त व कलक्टर से लिखित में शिकायत के बाद भी राज्य सरकार के आदेश का क्रियान्वयन नहीं

<p>ड़ेढ़ दशक से स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर अस्पताल भवन-सड़क नामकरण के आदेश कागजों में ही</p>
जोधपुर. जंगे आजादी के दौरान जोधपुर के विभिन्न स्वंत्रतता सेनानियों के योगदान और उनकी स्मृतियों को संजोए रखने के लिए राजस्थान सरकार ने वर्ष 2005 में उनके नाम से कुछ सड़कों और भवनों के नामकरण के आदेश जारी किए थे। लेकिन डेढ़ दशक बीतने के बाद भी अधिकांश आदेशों पर आज तक अमल नहीं हो सका है। विगत 15 साल मे जिला प्रशासन के किसी भी अधिकारी ने स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति आदर सम्मान भाव से जुड़े सरकार के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया । राज्य सरकार ने 24 अगस्त 2005 में स्वतंत्रता सेनानी समिति की बैठक में अनुमोदित प्रस्ताव के तहत अन्य जिलों के साथ जोधपुर के 12 दिवंगत स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर सड़कों और भवन के नामकरण प्रस्तावों को मंजूरी और संबंधित जिलों के जिला कलक्टर को प्रस्तावों के क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को कहा लेकिन कुछ मामलों के क्रियान्वयन के बाद आदेश लालफीताशाही का शिकार हो गया।
पन्द्रह साल पहले 24 अगस्त 2005 में राज्य सरकार के स्वीकृत प्रस्ताव
आनंदराज सुराणा जूनी मंडी डिस्पेंसरी का नामकरण आनंदराज सुराणा होना था लेकिन अभी तक नहीं हुआ। हटडिय़ों का चौक से तापी दर्जियों का चौक तक सीताराम सोलंकी मार्ग का नामकरण नहीं हुआ। छगनराज चौपासनी वाला राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल जालोरी गेट ( विद्यालय का नामकरण तो हो गया लेकिन प्रतिमा आज तक नहीं लगी है। मूलजी होटल से पुंगलपाड़ा स्कूल तक मार्ग का नामकरण तुलसीदास राठी होना था लेकिन नहीं हुआ। भेरजी होटल से मूल जी होटल तक मार्ग का नामकरण नरसिंहदास लूंकड़ मार्ग किया जाना था लेकिन नहीं हुआ। खाण्डा फलसा स्थित आयुर्वेद अस्पताल भवन का नामकरण भी स्वतंत्रता सेनानी गंगादास व्यास किया जाना था लेकिन नहीं हो सका है।
कई बार लिखित में की शिकायत
जिला प्रशासन पंद्रह साल पुराने आदेश की पालना सुनिश्चित कर स्वाधीनता सेनानियों की प्रतिमा और उनके योगदान को लेकर सूचना पट्ट लगाने तथा भवन व मार्गों के नामकरण करना चाहिए। समिति की ओर से जिला कलक्टर और संभागीय आयुक्त को कई बार पत्र व ज्ञापन भी दिए गए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
-रामजी व्यास , संरक्षक जोधपुर स्वतंत्रता सेनानी अधिकार संघर्ष समिति
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