वैष्णव भक्त उदित अष्टमी तिथि को ही मनाते है कृष्ण जन्मोत्सव
पं. ओमदत्त ने बताया कि वैष्णव भक्त उदित अष्टमी को ही जन्माष्टमी मनाते है इसीलिए वैष्णवमार्गीय जन्माष्टमी महोत्सव बुधवार को ही मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्र्मात (शिवमत ) और वैष्णव सम्प्रदाय के अनुयायियों के नियम जन्माष्टमी व्रत में अलग अलग है। स्र्मात लोग अद्र्धरात्रि में अष्टमी तिथि के दिन यह व्रत करते है, लेकिन वैष्णव लोग उदित तिथि के अनुसार उपवास, पूजन, अभिषेक करते है। अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ ‘इस्कॉनÓ जोधपुर की ओर से सालावास रोड पर तनावड़ा फांटा रुक्मनारायण नगर स्थित श्रीराधा गोविन्द मंदिर में भी बुधवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
पं. ओमदत्त ने बताया कि वैष्णव भक्त उदित अष्टमी को ही जन्माष्टमी मनाते है इसीलिए वैष्णवमार्गीय जन्माष्टमी महोत्सव बुधवार को ही मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्र्मात (शिवमत ) और वैष्णव सम्प्रदाय के अनुयायियों के नियम जन्माष्टमी व्रत में अलग अलग है। स्र्मात लोग अद्र्धरात्रि में अष्टमी तिथि के दिन यह व्रत करते है, लेकिन वैष्णव लोग उदित तिथि के अनुसार उपवास, पूजन, अभिषेक करते है। अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ ‘इस्कॉनÓ जोधपुर की ओर से सालावास रोड पर तनावड़ा फांटा रुक्मनारायण नगर स्थित श्रीराधा गोविन्द मंदिर में भी बुधवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
अमृतसिद्धि व सर्वार्थसिद्धि योग गर्ग पंचांग के पंडित मोहनलाल गर्ग के अनुसार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को इस बार बुधवार को अमृतसिद्धि व सर्वार्थ सिद्घि योग बनने से पर्व की और महत्ता और भी बढ़ जाएगी। वर्ष 1993 के बाद बुधवार और जन्माष्टमी का संयोग पुन: बना है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी बुधवार के दिन हुआ था।