सरकारी नीतियों की वजह से लाभ वाली बीमा कंपनियां हानि में पहुंची
जोधपुर। जनरल इंश्योरेंस पेंशनर्स ऑल इंडिया फैडरेशन के चेयरमैन आरपी सामल ने बताया कि हाल ही में केंद्रीय सरकार ने आम बीमा अधिनियम में संशोधन पारित निर्णय लिया है कि सरकार कोई भी राष्ट्रीयकृत कंपनी का निजीकरण कर सकेगी, इससे सेवानिवृत कर्मचारियों को भविष्य में पेंशन प्राप्ति के लाले पड़ जाएंगे। सामल गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि वर्ष 1971 में 113 निजी बीमा कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कर चार कंपनियां नेशनल, न्यू इंडिया, ओरिएंटल और युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस बनाई गई और तीन-चार साल पहले तक सभी कंपनियां करोड़ो रुपए का लाभ अर्जित कर रही थी। लेकिन सरकारी नीतियों की वजह से सरकार ने लाभ वाले बीमा व्यवसाय निजी कम्पनियों को देना शुरू कर दिया और घाटे वाले बीमा आवरण करने के वास्ते सरकारी बीमा कंपनियों को विवश करने से चारों ही अब लाभ की बजाए हानि में चल रही है। सरकारी दबाव में 30 से 40 फ ीसदी शाखाओं को निकट भविष्य में बंद किए जाने की योजना बनाई गई है।फैडरेशन के अध्यक्ष काका सामंत, महासचिव यू बनर्जी और उप महासचिव श्याम माथुर ने बताया कि आम बीमाकर्मियों का वेतनमान संशोधन 1 अगस्त 2017 को ड्यू हो जाने के बावजूद भी अभी तक इससे वंचित किया जा रहा है। जबकि कोरोना काल में चारों बीमा कंपनी ने लगभग 1500 करोड़ रुपए दावों का भुगतान किया है। — दो दिवसीय सम्मेलन आज से आम बीमा सेवानिवृत कर्मचारी समिति के तत्वावधान में जनरल इंश्योरेंस पेंशनर्स ऑल इंडिया फैडरेशन का दो दिवसीय छठा राष्ट्रीय सम्मेलन शुक्रवार को शुरू होगा। सम्मेलन में बीमा निजीकरण,पेंशन और पारिवारिक पेंशन में बढ़ोतरी आदि पर चर्चा कर भविष्य की योजना पर विचार विमर्श किया जाएगा। इस दौरान फैडरेशन विधि सचिव अनिल भंडारी भी उपस्थित थे। —
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