लॉकडाउन में अच्छा कारोबार भी हो रहा था लेकिन सरकार के इस कदम के विरोध में मंडिय़ों में व्यापार कार्य बंद हो गया है। मंडियां बंद होने से इनमें काम करने वाले हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। जोधपुर में जीरा मंडी के अलावा मण्डोर कृषि उपज मंडी व भगत की कोठी कृषि उपज मंडी है।
तीन दिनों में पड़ौसी राज्यों में माल पलायन की स्थिति
गुजरात ऊंझा मंडी में आवक (बोरी में)
तिथि——— जीरा—- इसब 6 मई— 31000– 21000
7 मई— 29000– 20000
8 मई— 35000– 19500
जबकि इन पिछले तीन दिनों में जीरा मंंडी बंद होने से एक बोरी भी नहीं आई।
गुजरात ऊंझा मंडी में आवक (बोरी में)
तिथि——— जीरा—- इसब 6 मई— 31000– 21000
7 मई— 29000– 20000
8 मई— 35000– 19500
जबकि इन पिछले तीन दिनों में जीरा मंंडी बंद होने से एक बोरी भी नहीं आई।
वर्ष 2019 में 6 से 8 मई की स्थिति (बोरी में)
तिथि——— जीरा—- इसब
6 मई— 19000– 14000
7 मई— 15000– 12000
8 मई— 14000– 14000 हो रही राजस्व हानि
जीरा मंडी सहित सभी मंडिय़ां बंद है। किसानों के फोन आ रहे है। यहां मंडी बंद होने से वे अपनी उपज लेकर गुजरात जा रहे है। इससे व्यापार चौपट होने के साथ सरकार को बहुत बड़ी राजस्व हानि हो रही है।
– पुरुषोत्तम मूंदड़ा, अध्यक्ष, जोधपुर जीरा मंडी व्यापार संघ
तिथि——— जीरा—- इसब
6 मई— 19000– 14000
7 मई— 15000– 12000
8 मई— 14000– 14000 हो रही राजस्व हानि
जीरा मंडी सहित सभी मंडिय़ां बंद है। किसानों के फोन आ रहे है। यहां मंडी बंद होने से वे अपनी उपज लेकर गुजरात जा रहे है। इससे व्यापार चौपट होने के साथ सरकार को बहुत बड़ी राजस्व हानि हो रही है।
– पुरुषोत्तम मूंदड़ा, अध्यक्ष, जोधपुर जीरा मंडी व्यापार संघ