हर घर, होटल, शॉप, मॉल, कार्यालय, संस्थान पर इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं होना आम बात है लेकिन इन वस्तुओं की आयु पूरी होने व खराब होने के बाद इनको कबाड़ी को बेच देना या ठोस कचरे के साथ फेंक देना पर्यावरण के लिए खतरा बनता जा रहा है। इस खतरे से बचाने व लोगों को जागरुक करने के लिए राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल मुख्यालय की ओर से विश्व ई-कचरा दिवस पर 14 से मेगा ड्राइव कार्यक्रम शुरू किया गया, जो 24 अक्टूबर तक चलेगा। इस कड़ी में जोधपुर में क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से 19-21 अक्टूबर तक ई-वेस्ट एकत्रित किया जाएगा, और इसके बदले लोगों को उस आयटम की निर्धारित राशि भी दी जाएगी। विभाग की ओर से कनष्ठि पर्यावरण अभियंता कुणाल खत्री को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
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5 सेंटर पर एकत्र होगा ई-कचरा
प्रदूषण मण्डल की ओर से जोधपुर में ई-वेस्ट के एकत्र करने के लिए गुरुवार से 5 कलेक्शन सेंटर शुरू कर दिए गए है। जिसमें राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल कार्यालय, जोधपुर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन भवन, मरुधरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन भवन, राजस्थान स्टेनलेस स्टील री-रोलर्स एसोसिएशन भवन व बोरानाड़ा कॉमन फैसिलिटी सेंटर। इन सेंटर्सपर कोई भी अपना ई-वेस्ट जमा करा सकते है। 19 से 21 अक्टूबर तक ई-वेस्ट कलेक्शन के लिए वाहन चलाए जाएंगे, जिनमें रीवर्स लॉजिस्टिक ग्रुप की ओर से शहर के बाजारों व रिहायशी इलाकों में व औद्योगिक क्षेत्रों में अभिनव एंटरप्राइजेज के वाहनों से ई-कचरा एकत्रित किया जाएगा।
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पर्यावरण व आमजन के लिए खतरा
ई-वेस्टइलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के कचरे या इलेक्ट्रॉनिक कचरे को ई-वेस्ट कहते है। आमतौर पर कम्प्यूटर मॉनिटर, मदरबोर्ड, मोबाईल फोन, चार्जर, कॉम्पेक्ट डिस्क, हैडफोन, टेलीविजन सेट, एयर कंडीश्नर, फ्रिज आदि इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद शामिल है। लोग इन्हें खराब या पुरानी होने पर कबाड़ी या घर के कचरे के साथ फेंक देते है। कबाड़ी इनमें से अपने काम की वस्तु निकाल इन्हें अवैज्ञानिक तरीके से जला देते है, जो पर्यावरण के लिए खतरनाक है। जो कई गंभीर बीमारियां को जन्म देती है।
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ई-वेस्ट पर्यावरण के साथ लोगों के जीवन के लिए खतरा बनता जा रहा है। लोगों को जागरुक करने के लिए मेगा ड्राइव चलाया जा रहा है। ई-वेस्ट कलेक्शन सेंटर बनाए है, जहां लोग अपना ई-वेस्ट जमा करा सकते है।
अमित शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डलजोधपुर
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5 सेंटर पर एकत्र होगा ई-कचरा
प्रदूषण मण्डल की ओर से जोधपुर में ई-वेस्ट के एकत्र करने के लिए गुरुवार से 5 कलेक्शन सेंटर शुरू कर दिए गए है। जिसमें राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल कार्यालय, जोधपुर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन भवन, मरुधरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन भवन, राजस्थान स्टेनलेस स्टील री-रोलर्स एसोसिएशन भवन व बोरानाड़ा कॉमन फैसिलिटी सेंटर। इन सेंटर्सपर कोई भी अपना ई-वेस्ट जमा करा सकते है। 19 से 21 अक्टूबर तक ई-वेस्ट कलेक्शन के लिए वाहन चलाए जाएंगे, जिनमें रीवर्स लॉजिस्टिक ग्रुप की ओर से शहर के बाजारों व रिहायशी इलाकों में व औद्योगिक क्षेत्रों में अभिनव एंटरप्राइजेज के वाहनों से ई-कचरा एकत्रित किया जाएगा।
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पर्यावरण व आमजन के लिए खतरा
ई-वेस्टइलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के कचरे या इलेक्ट्रॉनिक कचरे को ई-वेस्ट कहते है। आमतौर पर कम्प्यूटर मॉनिटर, मदरबोर्ड, मोबाईल फोन, चार्जर, कॉम्पेक्ट डिस्क, हैडफोन, टेलीविजन सेट, एयर कंडीश्नर, फ्रिज आदि इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद शामिल है। लोग इन्हें खराब या पुरानी होने पर कबाड़ी या घर के कचरे के साथ फेंक देते है। कबाड़ी इनमें से अपने काम की वस्तु निकाल इन्हें अवैज्ञानिक तरीके से जला देते है, जो पर्यावरण के लिए खतरनाक है। जो कई गंभीर बीमारियां को जन्म देती है।
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ई-वेस्ट पर्यावरण के साथ लोगों के जीवन के लिए खतरा बनता जा रहा है। लोगों को जागरुक करने के लिए मेगा ड्राइव चलाया जा रहा है। ई-वेस्ट कलेक्शन सेंटर बनाए है, जहां लोग अपना ई-वेस्ट जमा करा सकते है।
अमित शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डलजोधपुर