बाल अपचारी ने 20 लाख उड़ाए थे
गौरतलब है कि 28 अक्टूबर को पंजाब नेशनल बैंक से 20 लाख रुपये की चोरी करने के अन्य आरोपियों को पकडऩे के लिए जींद पुलिस मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के गांव कडय़िा गांव तो पहुंच गई। लेकिन आरोपियों पर दबिश नहीं दे पा रही है। दरअसल गांव में अपराधियों का दबदबा है। गांव के काफी लोग इसी प्रकार के अपराध में संलिप्त हैं। ऐसे में स्थानीय पुलिस भी कडिय़ा गांव में जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही हैं। अब सिविल लाइन थाना पुलिस ने अधिकारियों को पत्र लिखकर उच्च स्तर पर सहयोग मांगने के लिए कहा है।
पिता व चचेरे भाई की तलाश
बैंककर्मियों की आखों मे धूल झौंक कर दोपहर को एक 10 से 11 साल का बच्चा बैंक से 20 लाख रुपये चुराकर ले जाता है। इसकी जांच में पुलिस ने बच्चे को तो राजस्थान से पकड़ लिया है, लेकिन इस मामले में शामिल उसके पिता, चचेरा भाई व एक अन्य की तलाश जारी है। बच्चे से पुलिस को पता चला है कि वे मध्यप्रदेश के कडिय़ा गांव के रहने वाले हैं। जिस गाड़ी में आकर चोरी की घटना को अंजाम दिया गया, वह गाड़ी भी मध्य प्रदेश में ही रजिस्टर्ड है।
पुलिस फोर्स के लिए चल रही है वार्ता
सिविल लाइन थाना प्रभारी हरिओम ने बताया कि पुलिस आरोपियों को पकडऩे के लिए गांव में पहुंच चुकी है। अब इन आरोपियों को गांव से गिरफ्तार करने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस के उच्च अधिकारियों से बात चल रही है। इसके बाद ही पुलिस बल के साथ गांव में छापा मारकर आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। अभी तक पुलिस ने इस मामले में बैंक से पैसे चुराने वाले एक नाबालिग को गिरफ्तार किया है।
बच्चे किराए पर अपराधियों को सौंपे जाते हैं
करीब तीन हजार की आबादी वाला कडिय़ा सांसी जाति बाहुल्य आबादी वाला है। इस गांव में बच्चों को अपराधी गैंगों को किराए पर सौंपा जाता है। इसका खुलासा मध्यप्रदेश पुलिस ने किया था। इस गांव के बच्चों के दिल्ली और दूसरे बड़े शहरों में विवाह समारोह में चोरी की वारदातों करते हैं। पूर्व में इस गांव के लोग दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में बड़ी आपराधिक वारदातों में शामिल रहे हैं। मध्यप्रदेश पुलिस ने पूर्व में भी इस गांव से एक गैंग पकड़ा था। इस गैंग ने करीब साठ शहरों में चोरी की वारदातें करना कबूल किया था। इसमें तीन लोग शामिल थे, इनमें से एक बाल अपचारी था।