एमपी के गिरोह ने पार किए थे 10 लाख रुपए, देश में अब तक कर चुके 100 से ज्यादा वारदात

मोबाइल फोन का प्रयोग ये लोग बिल्कुल नहीं करते या दूसरे राज्यों की फर्जी सिम काम में लेते हैं, ताकि पुलिस उन तक नहीं पहुंच सकें। ये लोग किसी ऐसे होटल या स्थान पर नहीं रूकते हैं। जहां इनसे आईडी मांगी जाए। इसकी बजाए धार्मिक स्थानों पर जहां अकसर ज्यादा पूछताछ नहीं होती या हाइवे पर बनेे ढाबों पर रात गुजारते हैं। जिस स्थान पर ये ठहरते हैं। वारदात करने के लिए ये ऐसे बैंक का चयन करते हैं जो मुख्य बाजार में हो तथा भीड़ भाड़ हो।

<p>एमपी के गिरोह ने पार किए थे 10 लाख रुपए, देश में अब तक कर चुके 100 से ज्यादा वारदात</p>
झुंझुनूं. देश के अनेक राज्यों में लोगों के गहने व नकदी चुराने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के तीन सदस्यों की उम्र महज 19 वर्ष है, जबकि चौथा 42 वर्ष का है। मध्यप्रदेश के राजगढ़ के इस गिरोह के सदस्य मोबाइल की सिम दूसरे राज्यों के लोगों के नाम से रखते हैं। वारदात वाले दिन मोबाइल का उपयोग नहीं करते। कार पर भी फर्जी नंबर प्लेट लगाकर रखते हैं। एसपी मनीष त्रिपाठी ने बताया कि जिला मुख्यालय पर शाहों के कुएं के पास एसबीआई बैंक से 25 मार्च को अपनी बेटियों की शादी के लिए दस लाख रुपए निकलवाकर जा रहे चिंचड़ौली के रिटायर्ड फौजी बनवारी लाल से गैंग के सदस्यों ने दस लाख रुपए पार कर लिए थे। इसके बाद झुंझुनूं पुलिस ने इस अंतरराज्यीय गिरोह को पकडऩे में कामयाबी हासिल की है। एसपी ने बताया कि वारदात को गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र मीणा, वृताधिकारी शहर लोकेंद्र दादरवाल के निर्देशन में कोतवाल मदनलाल कड़वासरा के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया। कड़ी मशक्कत के बाद अंतरराज्य गिरोह के चार सदस्य ओम सांसी (19), बाबु सिसोदिया सांसी (19), कैलाश सिसोदिया सांसी (42) व रितिक सांसी (19) साल निवासी कडिय़ा पुलिस थाना बोडा, तहसील पचौर जिला राजगढ़ (मध्यप्रदेश) को गिरफ्तार कर एक कार जब्त की है। आरोपी अब तक 100 से ज्यादा वारदात कर चुके। उनको भी अभी तक 65 वारदात तो अच्छी तरह याद है। शेष का उनको खुद को पता नहीं कहां से कब रुपए पार किए।

कार से आते हैं आरोपी
वारदात करने के लिए चार से पांच व्यक्ति मौजूद रहते हैं। जो आने-जाने मे कार का उपयोग करते हैं। जिसकी नंबर प्लेट फर्जी होती है। मोबाइल फोन का प्रयोग ये लोग बिल्कुल नहीं करते या दूसरे राज्यों की फर्जी सिम काम में लेते हैं, ताकि पुलिस उन तक नहीं पहुंच सकें। ये लोग किसी ऐसे होटल या स्थान पर नहीं रूकते हैं। जहां इनसे आईडी मांगी जाए। इसकी बजाए धार्मिक स्थानों पर जहां अकसर ज्यादा पूछताछ नहीं होती या हाइवे पर बनेे ढाबों पर रात गुजारते हैं। जिस स्थान पर ये ठहरते हैं। वारदात करने के लिए ये ऐसे बैंक का चयन करते हैं जो मुख्य बाजार में हो तथा भीड़ भाड़ हो। ज्यादातर ये लोग भारतीय स्टेट बैंक का चयन करते हैं। गैग में एक या दो व्यक्ति बैंक में जाकर ये देखते हैं कि किस व्यक्ति द्वारा नकदी निकलवाई गई। इनका एक सदस्य बैंक से बाहर रहता है। एक साथी काफी दूरी पर कार लेकर खड़ा रहता हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति थैले या बैग में नकदी निकलवाकर बाहर आता है तो रैकी करने वाला व्यक्ति बाहर खड़े व्यक्ति को ईशारा कर देते हैं और वह पीडि़त के पीछे लग जाता है और जैसे ही उसका ध्यान भंग होता है उसकी नकदी भरा थैला या बैग पार कर लेते हैं। उसके बाद ऑटो पकड़कर पहले से खड़ी की गई कार के पास पहुंच कर फरार हो जाते हैं।
घटना स्थल से 100 किमी दूर रुकते, मोबाइल भी नहीं रखते
गिरोह के अन्य सदस्य भी घटनास्थल से सौ किमी की दूरी पर रुक जाते हैं। ऐसे में कोई सुराग नहीं छोड़ते है। झुंझुनूं पुलिस ने जयपुर, अजमेर, सीकर, झुंझुनूं, पाली, जोधपुर, नागौर में भी सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज खंगाले। होटलों, धर्मशालाओं तथा हाईवे पर ढाबों पर पूछताछ की गई। जिससे टीम को आरोपियों के बारे में कई सूचनाएं मिली। गिरोह के सदस्य कार लेकर राजस्थान में वारदात करने फिर से आ रहे थे। जिस पर टीम ने तत्परता बरतते हुए मुखबीर सूचना व तकनीकी मदद से सोमवार देर रात्रि चार आरोपी को मय कार के मध्यप्रदेश से आते हुए गिरफ्तार करनें में कामयाबी हासिल की।
गर्मियों में इस प्रकार करते वारदात
बैंकों से रुपए निकालने वाले या अन्य किसी भी तरीके से रुपए ले जाने वाले लोगों पर गिरोह के सदस्य बिस्किट खाकर थूक देते हैं और फिर कहते है कि आप पर मैला लगा हुआ है। इस पर व्यक्ति पास-पड़ौस में पानी का स्रोत तलाशता है। जब वह मैला धोने लगता है तो ये लोग उसके पीछे-पीछे जाकर रुपए से भरा थैला पार कर लेते हैं।
सर्दियों में इस प्रकार करते
सर्दियों में इनका वारदात करने का तरीका बदल जाता है क्योंकि लोग गर्म कपड़े पहनने से इन्हें कठिनाई होती है। ऐसे में गिरोह के सदस्य शादियों में वेटर बनकर या बर्तन साफ करने वाला कहकर घुस जाते हैं। फिर गहने व लिफाफे के तौर पर आए रुपए पार कर लेते हैं।
झुंझुनूं में यहां की वारदात
-शाहों के कुएं के पास दस लाख से भरा बैग छीना
-सेना की कैंटीन के पास से एक लाख से भरा बैग छीना
-चिड़ावा में एसबीआई के पास एक लाख 50 हजार रुपए से भरा बैग छीना
चूरू व सीकर में यहां की वारदात
-रतनगढ़ जिला चूरू से बैंक के पास से 50 हजार रुपए से भरा बैग पार।
– सीकर में शादी समारोह से 20 तोला सोना व नगदी चुराई।
-नीमकाथाना से बैंक के पास से 20 हजार से भरा बैग पार किया।
-पलसाना में दो लाख से भरा बैग पार किया।
किस राज्य में कितनी वारदात
राजस्थान 28
हरियाणा 03
मध्यप्रदेश 17
उत्तरप्रदेश 10
महाराष्ट्र 03
छत्तीसगढ़ 03
गुजरात 01

पुलिस का हीरो जितेन्द्र
एसपी त्रिपाठी ने बताया कि गैंग के सदस्यों को पकडऩे में कांस्टेबल जितेंद्रसिंह थाकन की अहम भूमिका रही। इसके अलावा हैड कांस्टेबल मनेष कुमार, दिनेशकुमार, कांस्टेबल योगेंद्र, रामस्वरूप, योगेंद्रकुमार, विकास ठोलिया, सत्येन्द्र कुमार और सुनील कुमार आदि गैंग को पकडऩे में शामिल रहे।
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