बीडीके अस्पताल में अब होगा रिसर्च एवं अध्यापन

यह कार्सेज शुरू होने के बाद अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर 24 घंटे रहेंगे। इससे आपातकालीन विभाग और मजबूत हो जाएगा। अस्पताल में मेडिकल कॉलेज की तरह अध्ययन अध्यापन एवं रिसर्च हो सकेगा। सामान्यत अध्ययन और अध्यापन का कार्य मेडिकल कॉलेज में ही होता है एवं रेजिडेंट डॉक्टर उपलब्ध रहते हैं। परंतु अब ऐसा बीडीके अस्पताल में भी हो जाएगा।

<p>बीडीके अस्पताल में अब होगा &#8216;रिसर्च एवं अध्यापन</p>
झुंझुनूं. जिले के सबसे बड़े भगवानदास खेतान अस्पताल में अब मेडिकल कॉलेज की तर्ज पर अध्यापन एवं रिसर्च हो सकेगा। अस्ताल में जून-जुलाई से डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कार्सेज शुरू कर दिए जाएंगे। विभिन्न विभागों में पीजी कार्सेज शुरू होने के साथ ही अस्पताल में सुविधाओं का विस्तार हो जाएगा। नेशनल बोर्ड आफ एग्जामिनेशन दिल्ली की ओर से राजकीय बीडीके अस्पताल का पिछले दिनों निरीक्षण किया गया। जिसमें प्रसूति एवं महिला रोग विभाग, नवजात एवं शिशु रोग विभाग, नाक कान गला रोग विभाग, नेत्र रोग विभाग, एनेस्थीसिया विभाग में डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कोर्सेज के लिए मान्यता दे दी गई है।
अन्य विभागों के लिए प्रयास किए जा रहे
पीएमओ की मानें तो ईएनटी, शिशू रोग, नेत्र रोग, गायनी और निश्चेतन विभाग के अलावा अन्य विभागों के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। बीडीके को मान्यता मिलना जिले के लोगों के लिए बहुत बड़ी बात है।
24 घंटे रहेंगे रेजिडेंट डॉक्टर
यह कार्सेज शुरू होने के बाद अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर 24 घंटे रहेंगे। इससे आपातकालीन विभाग और मजबूत हो जाएगा। अस्पताल में मेडिकल कॉलेज की तरह अध्ययन अध्यापन एवं रिसर्च हो सकेगा। सामान्यत अध्ययन और अध्यापन का कार्य मेडिकल कॉलेज में ही होता है एवं रेजिडेंट डॉक्टर उपलब्ध रहते हैं। परंतु अब ऐसा बीडीके अस्पताल में भी हो जाएगा।
इनका कहना है….
सभी विभागों में सुविधाओं का विस्तार कर डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कार्सेज शुरू जून-जुलाई में शुरू हो जाएंगे। इससे 27 सीटों को मंजूरी मिली है। नीट, पीजी परीक्षा के परिणाम आने के बाद सीटों का आवंंटन हो जाएगा। अस्पताल को नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन की ओर से मान्यता मिल गई है।
डा. वीडी बाजिया, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी (बीडीके)
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