गर्भवती महिलाएं खाएं ये चार चीजें, होंगे जबरदस्त फायदे

गर्भवती महिलाएं खाएं ये चार चीजें, होंगे जबरदस्त फायदे

<p>गर्भवती महिलाएं खाएं ये चार चीजें, होंगे जबरदस्त फायदे</p>
झांसी। गर्भवती महिलाओं की मातृ मृत्यु को रोकने के लिए प्रत्येक माह की 9 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जाता हैं। इस दिवस पर सभी गर्भवती महिलाओं की सम्पूर्ण जांच की जाती हैं, ताकि उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की उचित ढंग से देखभाल करके उन्हें प्रसव के दौरान होने वाली समस्याओं से बचाया जा सके और मातृ मृत्यु दर में कमी हो सकें। वैसे भी गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन से भरपूर आहार लेने चाहिए। इससे उन्हें घर में भी आसानी से आयरन प्राप्त हो सकेगा, जैसे गुड़, अंकुरित चना, बाजरे की रोटी एवं हरी सब्जियों आदि का सेवन करना चाहिए। साथ ही आयरन की गोली नियमित समय पर खानी चाहिए, जिससे शरीर में खून की मात्रा बढ़ सकेगी।
ये है स्थिति
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पिछले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस पर 1046 गर्भवती महिलाओं की जांच की गयी थी। इसमें से 159 महिलाओं को उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था की श्रेणी में रखा गया। इनमें से 26 महिलायेँ खून की कमी से ग्रसित, 1 महिला उच्च रक्तचाप से ग्रसित, 13 महिलाएं मधुमेह से ग्रसित और 104 महिलाएं अन्य जोखिमों से ग्रसित हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार ही पिछले वर्ष 2017-18 में 44 हजार 623 गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण किया गया था। इनमें से 30 हजार 200 महिलाओं की सम्पूर्ण चारों प्रसव पूर्व जांचें की गयीं। इनमें से 2,612 गर्भवती महिलाओं को उच्च जोखिम गर्भावस्था की श्रेणी में रखा गया था। इनमें 548 गर्भवती महिलाओं में गंभीर खून की कमी (सीवियर एनीमिया) पायी गयी। वहीं वर्तमान वर्ष 2018-19 में 1 अक्टूबर तक 18 हजार 486 गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण किया गया है। इनमें से 925 गर्भवती महिलाओं को उच्च जोखिम गर्भावस्था की श्रेणी में रखा गया है। इनमें से 157 गर्भवती महिलाओं में गंभीर खून की कमी पायी गयी।
ऐसे होती है पहचान
एसीएमओ एवं नोडल अधिकारी पीएमएसएमए डा.एनके जैन ने बताया कि उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं को तीन आधार पर पहचाना जाता है। पहला पूर्व में प्रसव की जांचों के रिकॉर्ड के आधार पर, दूसरा गर्भावस्था में जटिलताओं गंभीर परिस्थितियों के आधार पर और तीसरा चिकित्सीय स्थिति जैसे ब्लडप्रेशर, लीवर आदि से संबन्धित बीमारियों के आधार पर पहचान की जाती है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का उद्देश्य उच्च जोखिम वाली गर्भवस्था की पहचान कर उसका निदानकर समय उचित सन्दर्भ से माता और शिशु दोनों की असामयिक मृत्यु को रोक सकना है। उन्होंने बताया कि जनपद में मातृ मृत्यु दर 1 लाख जीवित जन्म में 233 मौजूदा समय में है।
ऐसे किया जा रहा है जागरूक
महिलाओं एवं समुदाय को गर्भावस्था में होने वाली समस्याओं के बारे में जागरूकता के लेकर उन्होंने कहा कि ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में आशाओं को यह कार्य सौंपा गया है कि वह अपने अपने क्षेत्र की ANC(प्रसव पूर्व जांच) महिलाओं का पता कर उनकी काउन्सलिन्ग करें और साथ ही घर के सदस्यों और गांव वालों के भ्रांतियों को दूर कर जागरूक करने का कार्य भी करती हैं। इसके साथ ही वीएचएनडी और प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस पर सभी ANC महिलाओं की ठीक तरीके से जांच की जा रही है और गर्भावस्था में खून की कमी से ग्रसित महिलाओं को आयरन की गोली खाने की सलाह के साथ साथ परामर्श भी किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन से भरपूर आहार जो घरों में भी आसानी से प्राप्त हो सके, जैसे गुड़, अंकुरित चना, बाजरे की रोटी एवं हरी सब्जियों आदि का सेवन करना चाहिए। साथ ही आयरन की गोली नियमित समय पर खानी चाहिए, जिससे शरीर में खून की मात्रा बढ़ सके।
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