कक्षा कक्षीय क्रिया से जुड़ेंगे बच्चे–
वर्तमान में कोरोना काल में विद्यालय में विद्यार्थी उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं। इसके चलते विद्यार्थी एवं शिक्षक के मध्य कक्षा कक्षीय क्रिया नहीं होने से विद्यार्थियों के अधिगम स्तर पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है। इसके लिए राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से तीन पुस्तकों के माध्यम से बच्चों के शिक्षण की गुणवत्ता सुधार के लिए पुस्तकें चलाई गई है। इन पुस्तकों के जरिए हिन्दीए गणित और अंग्रेजी विषय की पुस्तकों का अध्ययन कराया जाएगा। बच्चों को तीन पुस्तकों का अध्ययन के लिए अलग-अलग टाइम टेबल फोटो कॉपी करवाकर दिया जाएगा। अभी झालावाड़ जिले में पूर्व में हुए टेस्ट के अनुसार कमजोर बच्चों के स्तर सुधारन के लिए न्यूनस्तर के बच्चोंके लिए पुस्तकें आई है।
यह है मुख्य उद्देश्य:-
. बच्चों को कक्षा स्तर के अनुरूप लाना।
. बच्चों के शैक्षणिक स्तर में गुणात्मक सुधार करना।
वर्तमान में कोरोना काल में विद्यालय में विद्यार्थी उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं। इसके चलते विद्यार्थी एवं शिक्षक के मध्य कक्षा कक्षीय क्रिया नहीं होने से विद्यार्थियों के अधिगम स्तर पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है। इसके लिए राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से तीन पुस्तकों के माध्यम से बच्चों के शिक्षण की गुणवत्ता सुधार के लिए पुस्तकें चलाई गई है। इन पुस्तकों के जरिए हिन्दीए गणित और अंग्रेजी विषय की पुस्तकों का अध्ययन कराया जाएगा। बच्चों को तीन पुस्तकों का अध्ययन के लिए अलग-अलग टाइम टेबल फोटो कॉपी करवाकर दिया जाएगा। अभी झालावाड़ जिले में पूर्व में हुए टेस्ट के अनुसार कमजोर बच्चों के स्तर सुधारन के लिए न्यूनस्तर के बच्चोंके लिए पुस्तकें आई है।
यह है मुख्य उद्देश्य:-
. बच्चों को कक्षा स्तर के अनुरूप लाना।
. बच्चों के शैक्षणिक स्तर में गुणात्मक सुधार करना।
यह है पुस्तकों की खासियत:-
. कार्यपुस्तिका को विभिन्न गतिविधियों एवं चित्रों का समावेश कर आकर्षक बनाया गया है।
. बच्चों को पुस्तकों को भरने में सुविधा रहेगी।
. दैनिक पाठ्य योजना को पढ़ते हुए घर तक पहुंचाया जाएगा।
.पढ़ाई के साथ बच्चों को प्रतिदिन होमवर्क करना होगा।
. कार्यपुस्तिका को विभिन्न गतिविधियों एवं चित्रों का समावेश कर आकर्षक बनाया गया है।
. बच्चों को पुस्तकों को भरने में सुविधा रहेगी।
. दैनिक पाठ्य योजना को पढ़ते हुए घर तक पहुंचाया जाएगा।
.पढ़ाई के साथ बच्चों को प्रतिदिन होमवर्क करना होगा।
.मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी अभिभावक के साथ शिक्षक की भी रहेगी। स्कूलों में करवाई जा रही वितरित-
हां पुस्तकें आ चुकी है, तीनों पुस्तकें कमजोर बच्चों के शैक्षिक स्तर सुधारने के लिए अच्छी है। पुस्तकें राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के माध्यम से सीबीईओ व पीईईओ द्वारा स्कूलों में वितरित करवाई गई है।
रंगलाल मीणा, जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक झालावाड़।
हां पुस्तकें आ चुकी है, तीनों पुस्तकें कमजोर बच्चों के शैक्षिक स्तर सुधारने के लिए अच्छी है। पुस्तकें राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के माध्यम से सीबीईओ व पीईईओ द्वारा स्कूलों में वितरित करवाई गई है।
रंगलाल मीणा, जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक झालावाड़।