ये काम हो रहे प्रभावित-
जिले में योजना के तहत जैविक उर्वरक, कीटनाशी का उपयोग, फास्फेट रिच, ऑर्गेनिक खाद, वर्मी कंपोस्टिंग, गोबर की खाद भराई, जैविक उत्पादों के लिए ्रगए नमूनों का संग्रहण, किसानों के कलस्टर बनाना, अच्छा काम करनेवाले किसानों के खेतों का भ्रमण करवाना, जैविक खेती भ्रमण, भूमि का जैविक परिवर्तन, फसल पद्धति एवं जैविक बीज, हरी खाद का प्रयोग सहित अन्य गतिविधियां की जाती है। लेकिन बजट नहीं मिलने के कारण जिले में अधिकांश किसानों ने केवल वर्मी कंपोस्टिंग और भूमि का जैविक परिवर्तन के कार्य ही करवाए है।
फैक्ट फाइल-
– जिले में कलस्टर 100 एक कलस्टर में 50 किसान यानी योजना से 5000 किसान जुड़े हुए है
– बकाया बजट 1 करोड़ 40 लाख
– योजना में केन्द्र राज्य हिस्सेदारी- 60: 40
– बजट के अभाव में 2020-21 में कोई काम नहीं हुआ है
जिले में योजना के तहत जैविक उर्वरक, कीटनाशी का उपयोग, फास्फेट रिच, ऑर्गेनिक खाद, वर्मी कंपोस्टिंग, गोबर की खाद भराई, जैविक उत्पादों के लिए ्रगए नमूनों का संग्रहण, किसानों के कलस्टर बनाना, अच्छा काम करनेवाले किसानों के खेतों का भ्रमण करवाना, जैविक खेती भ्रमण, भूमि का जैविक परिवर्तन, फसल पद्धति एवं जैविक बीज, हरी खाद का प्रयोग सहित अन्य गतिविधियां की जाती है। लेकिन बजट नहीं मिलने के कारण जिले में अधिकांश किसानों ने केवल वर्मी कंपोस्टिंग और भूमि का जैविक परिवर्तन के कार्य ही करवाए है।
फैक्ट फाइल-
– जिले में कलस्टर 100 एक कलस्टर में 50 किसान यानी योजना से 5000 किसान जुड़े हुए है
– बकाया बजट 1 करोड़ 40 लाख
– योजना में केन्द्र राज्य हिस्सेदारी- 60: 40
– बजट के अभाव में 2020-21 में कोई काम नहीं हुआ है
सरकार से पैसे नहीं आ रहे है-
1. मेरा 11 माह का 66 हजार रूपए बकाया है। मेरे कलस्टर में वर्मी कंपोस्ट बेड के करीब 50 किसानों के ढ़ाई लाख रूपए बकाया है, किसानों ने अपने खर्चे पर बेड बना लिए है, लेकिन सरकार से पैसे नहीं आने से परेशानी चल रही है।
मेहरबान ङ्क्षसह,एलआरपी किसान, चौमहला।
1. मेरा 11 माह का 66 हजार रूपए बकाया है। मेरे कलस्टर में वर्मी कंपोस्ट बेड के करीब 50 किसानों के ढ़ाई लाख रूपए बकाया है, किसानों ने अपने खर्चे पर बेड बना लिए है, लेकिन सरकार से पैसे नहीं आने से परेशानी चल रही है।
मेहरबान ङ्क्षसह,एलआरपी किसान, चौमहला।
2.दो साल का 1 लाख 44 हजार बकाया चल रहा है। जिले में जैविक कृषि के लिए 100 हैक्टर पर किसानों का एक ग्रुप बनाया गया है। किसानों को पहले ऑनलाइन पंजीयन करवाया जाता है। लेकिन प्रशिक्षण आदि का भुगतान बकाया चल रहा है।
दिनेश माली किसान, दुर्गपुरा।
दिनेश माली किसान, दुर्गपुरा।
बजट मांगा गया है-
जिले में कोरोना की वजह से दो साल से बजट नहीं आया है। परम्परागत जैविक कृषि विकाय योजना का बजट मांगा गया है। नए कलस्टर बनाने का लक्ष्य भी आया है। कई किसानों का व्यक्तिगत रूप से बकाया चल रहा है, बजट आते ही सबसे पहले इन्ही का भुगतान करवाया जाएगा।
कैलाश चन्द मीणा, उपनिदेशक, कृषि विस्तार, झालावाड़।
जिले में कोरोना की वजह से दो साल से बजट नहीं आया है। परम्परागत जैविक कृषि विकाय योजना का बजट मांगा गया है। नए कलस्टर बनाने का लक्ष्य भी आया है। कई किसानों का व्यक्तिगत रूप से बकाया चल रहा है, बजट आते ही सबसे पहले इन्ही का भुगतान करवाया जाएगा।
कैलाश चन्द मीणा, उपनिदेशक, कृषि विस्तार, झालावाड़।