नगर नियोजक कोटा ने दिया था प्लान-
शहर के सुव्यवस्थित विकास के लिए राज्य सरकार की अधिसूचना 4 मई 2012 द्वारा 47 राजस्व गांवों को सम्मिलित करते हुए झालावाड़ व झालरापाटन के लिए वरिष्ठ नगर नियोजक कोटा जोन, कोटा द्वारा झालावाड़ व झालरापाटन के नए मास्टर प्लान तैयार किया गया था। लेकिन जिम्मेदारों द्वारा ध्यान नहीं देने से शहर में कॉलोनियों की बाढ़ आ रही है। अव्यवस्थित कॉलोनियों के बसने से शहर का सौन्द्रर्य धुमिल हो रही है। गत दिनों जिला कलक्टर द्वारा कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थेए लेकिन उपखंड अधिकारी व नगर परिषद आयुक्त ने इस पर भी अभी ध्यान नहीं दिया है।
शहर के सुव्यवस्थित विकास के लिए राज्य सरकार की अधिसूचना 4 मई 2012 द्वारा 47 राजस्व गांवों को सम्मिलित करते हुए झालावाड़ व झालरापाटन के लिए वरिष्ठ नगर नियोजक कोटा जोन, कोटा द्वारा झालावाड़ व झालरापाटन के नए मास्टर प्लान तैयार किया गया था। लेकिन जिम्मेदारों द्वारा ध्यान नहीं देने से शहर में कॉलोनियों की बाढ़ आ रही है। अव्यवस्थित कॉलोनियों के बसने से शहर का सौन्द्रर्य धुमिल हो रही है। गत दिनों जिला कलक्टर द्वारा कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थेए लेकिन उपखंड अधिकारी व नगर परिषद आयुक्त ने इस पर भी अभी ध्यान नहीं दिया है।
सर्वेक्षण से आगे नहीं बढ़ी बात-
गत मास्टर प्लान में वर्ष 2011 तक विकसित क्षेत्र 4665 एकड़ होने का अनुमान लगाया गया थाए जबकि सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2011 में विकसित क्षेत्र 4537 एकड़ है। वहीं आवासीय क्षेत्र 1515 एकड़ प्रस्तावित था जबकि वास्तव में 2011 में आवासीय क्षेत्र 824 एकड़ है। उक्त आवासीय विकाण पूर्ण रूप से मास्टर प्लान के अनुरूप नहीं हुआ है। जबकि मास्टर प्लान में प्रस्तावित अन्य भू.उपयोग के आंशिक भाग पर भी आवासीय भू.उपयोग विकसित हो गया। ऐसे में कई क्षेत्रों में कृषि भूमि पर कॉलोनाईजरों ने आवासीय योजनाएं विकसित कर दीए लेकिन लोगों को मिलने वाली सुविधाओं की तरफ ध्यान नहीं दिया।
गत मास्टर प्लान में वर्ष 2011 तक विकसित क्षेत्र 4665 एकड़ होने का अनुमान लगाया गया थाए जबकि सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2011 में विकसित क्षेत्र 4537 एकड़ है। वहीं आवासीय क्षेत्र 1515 एकड़ प्रस्तावित था जबकि वास्तव में 2011 में आवासीय क्षेत्र 824 एकड़ है। उक्त आवासीय विकाण पूर्ण रूप से मास्टर प्लान के अनुरूप नहीं हुआ है। जबकि मास्टर प्लान में प्रस्तावित अन्य भू.उपयोग के आंशिक भाग पर भी आवासीय भू.उपयोग विकसित हो गया। ऐसे में कई क्षेत्रों में कृषि भूमि पर कॉलोनाईजरों ने आवासीय योजनाएं विकसित कर दीए लेकिन लोगों को मिलने वाली सुविधाओं की तरफ ध्यान नहीं दिया।
इन क्षेत्रों में काट रही कॉलोनियां-
कोटा रोड पर दोनों ओर, गोपालपुरा, वृदांवनए खानपुर रोडए धनवाड़ाए खंडिया तालाब के नीचेए गागरोन रोडए रेलवे पुल के पासए हल्दी घाटी रोड, पशुचिकित्सालय के पीछे, खंडिया तालाब के आस-पास, डीटीओ ऑफिस के पास सहित करीब 30-40 कॉलोनी झालावाड़ में व झालरापाटन में भी इतनी ही कॉलोनी काटी जा रही है
कोटा रोड पर दोनों ओर, गोपालपुरा, वृदांवनए खानपुर रोडए धनवाड़ाए खंडिया तालाब के नीचेए गागरोन रोडए रेलवे पुल के पासए हल्दी घाटी रोड, पशुचिकित्सालय के पीछे, खंडिया तालाब के आस-पास, डीटीओ ऑफिस के पास सहित करीब 30-40 कॉलोनी झालावाड़ में व झालरापाटन में भी इतनी ही कॉलोनी काटी जा रही है
अब करेंगे कार्रवाई-
पहले चुनाव में व्यस्त थे, अब फ्री हो गए है, राडी के बालाजी क्षेत्र में भी एक कार्रवाई की गई है। अवैध कॉलोनियों व कृषि भूमि पर कट रही कॉलोनियों के बारे में भी कार्रवाई करेंगे।
दाताराम, अतिरिक्त जिला कलक्टर,झालावाड़।
पहले चुनाव में व्यस्त थे, अब फ्री हो गए है, राडी के बालाजी क्षेत्र में भी एक कार्रवाई की गई है। अवैध कॉलोनियों व कृषि भूमि पर कट रही कॉलोनियों के बारे में भी कार्रवाई करेंगे।
दाताराम, अतिरिक्त जिला कलक्टर,झालावाड़।