बढ़ेंगे स्थानीय स्तर पर रोजगार-
जानकारों ने बताया कि पिछले सल लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के चलते स्थानीय रोजगारों में 25 से 55 प्रतिशत तक निर्भरता बढ़ी थीए इस वर्ष भी कई राज्यों में निर्माण और लघु .मझौले औद्योगिक इकाइयों पर निर्भरता ज्यादा है। यह स्थानीय रोजगार ही आर्थिक गतिविधियों को धीरे.धीरे बढ़ा सकते हैं।
जानकारों ने बताया कि पिछले सल लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के चलते स्थानीय रोजगारों में 25 से 55 प्रतिशत तक निर्भरता बढ़ी थीए इस वर्ष भी कई राज्यों में निर्माण और लघु .मझौले औद्योगिक इकाइयों पर निर्भरता ज्यादा है। यह स्थानीय रोजगार ही आर्थिक गतिविधियों को धीरे.धीरे बढ़ा सकते हैं।
यह है खास स्थानीय रोजगार-
-भूमि होने पर कृषि आधारित रोजगार
– स्थानीय भवन निर्माण क्षेत्र
-टैक्सी-ठेल-रेहडी संचालन
-सहकारिता आधारित घरेलू सामग्री उद्योग
-लघु-मझौले और कुटीर उद्योग में हिस्सेदारी
-मनरेगा, स्थानीय धागा फैक्ट्री
इन क्षेत्रों में भी मिल रहा रोजगार-
– जिले में खनन क्षेत्र व कोटा स्टोन इकाइयों सहित करीब 50 हजार
– जिले में धागा मिल में करीब 2 हजार
– कृषि व कृषि संबंधी उत्पाद- 2 लाख
-भूमि होने पर कृषि आधारित रोजगार
– स्थानीय भवन निर्माण क्षेत्र
-टैक्सी-ठेल-रेहडी संचालन
-सहकारिता आधारित घरेलू सामग्री उद्योग
-लघु-मझौले और कुटीर उद्योग में हिस्सेदारी
-मनरेगा, स्थानीय धागा फैक्ट्री
इन क्षेत्रों में भी मिल रहा रोजगार-
– जिले में खनन क्षेत्र व कोटा स्टोन इकाइयों सहित करीब 50 हजार
– जिले में धागा मिल में करीब 2 हजार
– कृषि व कृषि संबंधी उत्पाद- 2 लाख
मनरेगा में एक लाख से अधिक का मिल रहा रोजगार
ब्लॉक श्रमिक
अकलेरा 20932
बकानी 17882
भण्मंडी 8046
डग 29987
झालरापाटन 12897
खानपुर 14370
मनोहरथाना 33383
पिड़ावा 24271
कुल 161768
हां एक लाख से अधिक को मिल रहा रोजगार-
जिले में अभी 1 लाख 61 हजार श्रमिकों को मनरेगा में रोजगार मिल रहा है। जो लोगों के लिए लॉकडाउन में आय का जरिया बन रहा है। श्रमिकों को व्यक्तिगत काम दिया जा रहा है। जहां मास्क व सोशल डिस्टेंस का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
रामजीवन मीणा, सीईओ, जिला परिषद,झालावाड़।
ब्लॉक श्रमिक
अकलेरा 20932
बकानी 17882
भण्मंडी 8046
डग 29987
झालरापाटन 12897
खानपुर 14370
मनोहरथाना 33383
पिड़ावा 24271
कुल 161768
हां एक लाख से अधिक को मिल रहा रोजगार-
जिले में अभी 1 लाख 61 हजार श्रमिकों को मनरेगा में रोजगार मिल रहा है। जो लोगों के लिए लॉकडाउन में आय का जरिया बन रहा है। श्रमिकों को व्यक्तिगत काम दिया जा रहा है। जहां मास्क व सोशल डिस्टेंस का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
रामजीवन मीणा, सीईओ, जिला परिषद,झालावाड़।