कोरोना जांच के मुकाबले चेस्ट सीटी स्कैन अधिक भरोसोमंद

-कोरोना के बाद सीटी एचआर चेस्ट की मांग

<p>CT scan</p>
झालावाड़.कोरोना संक्रमण के चलते कोरोना जांच तो हो ही रही हैए लेकिन चिकित्सकों की राय माने तो कोरोना जांच से ज्यादा मरीज का चेस्ट सीटी स्केन अधिक भरोसोमंद है। इससे आसानी से पता चल जाता है कि मरीज को कोरोना है या नहीं, साथ ही इंफेक्शन कितना खतरनाक है। कोरोना के चलते इन दिनों एचआर ;हाई रेसोलेशन कॉम्युटेड थोमोग्रैफी सीटी चेस्ट की मांग कई गुना बढ़ गई है।
कई बार कोरोना जांच नेगेटिव आती हैए लेकिन सीटी स्केन रिपोर्ट व स्कोर के आधार पर कोरोना का उपचार शुरू कर दिया जाता है। सरकार ने भी इसकी गंभीरता को देखते हुए एचआर सीटी चेस्ट की जांच रेट भी कम करवाई है।
झालावाड़ में ऐसे कई मरीज आ रहे हैं जिनकी जांच तो नेगेटिव हैए लेकिन उनमें लक्षण कोरोना जैसे नजर आ रहे हैं। सांस लेने में तकलीफ व कमजोरी महसूस हो रही है।

इसलिए जरूरी है सीटी एचआर चेस्ट-
सीटी स्कोर के आधार पर मरीजों का इलाज भी किया जा सकता है। सीटी स्केन टेस्ट में गलती के लगभग शून्य चांस होते हैंएजबकि आरटीपीसीआर टेस्ट में बहुत खामियां है। जब आरटीपीसीआर टेस्ट को लेकर कई सवाल उठे हैंए ऐसे में डॉक्टर सीटी टेस्ट भी लिख रहे हैं।
जाने सीटी स्कोर-
चिकित्सकों की माने तो सीटी स्केन कोरोना वायरस की गंभीरता की सही स्थिति सामने ले आता है। दोनों फेफड़ों के भागों के पैचेस के आधार पर स्कोर दिया जाता है। यह स्कोर 10 तक है तो माइल्ड श्रेणी में हैए यानि हल्का जोखिम है, सीटी स्कोर 10 से 20तक है तो मोडरेट यानि मध्यम जोखिम है और स्कोर 20 से अधिक है तो वायरस गंभीर माना जाता है। इसी प्रकार सीटी का को-रेडस इंडेक्स भी मायने रखता है, व्यक्ति का को-रेडस इंडेक्स एक से तीन तक होना चाहिएए इससे अधिक रहने पर कोरोना का खतरा रहता है।
पोस्ट कोविड केयर जरूरी-
जिले में करीब 3 हजार से अधिक मरीज कोरोन से ठीक हुए है। लेकिन इनमें से सैंकड़ों मरीज ऐसे हैए कोरोना वायरस की रिपोर्ट नेेगेटिव आने के बाद भी लक्षण बने हुए है और उन्हें इलाज की जरूरत पड़ रही है। खासकर थकानए संास लेने में परेशानीए चक्कर आना, गले में खरास आदि की समस्याएं हो रही है। चिकित्सकों ने बताया कि पोस्ट कोविड केयर भी करीब 21 दिन तक करना जरूरी है, सुधार नहीं होने पर एक बार फिर सीटी स्कैन करवाकर स्थिति का पता करवा सकते हैं।
इतने मरीजों की हुई सीटी स्केन
माह कोरोना मरीज सामान्य मरीज
सितम्बर 550 50
अगस्त 81 79

ऐसे बताई पीडा-
शहर के बड़ा बाजार निवासी 25 वर्षीय युवक ने बताया कि मेरी दो बार जांच नेगेटिव आ चुकी हैए लेकिन थकान व कमजोरी बनी हुई हैए सीटी स्केन करवाने पर फेफडों में हल्का सा संक्रमण बताया, इसकी वजह से परेशानी हो रही हैए दवाई ले रहे हैं। वही हाऊसिंग बोर्ड निवासी 37 वर्षीय व्यक्ति ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव आने के बाद अब ठीक हैए लेकिन गले में हल्की खरास होने से सुबह.शाम नमक के गरारे कर रहे हैं। पहले से ज्यादा सावधानी बरत रहे हैंए बाजार में जाते समय बिना मास्क नहीं जाते। सोशल डिस्टेंस का पूरा ध्यान रखते हैं। खानपुर निवासी 40 वर्षीय व्यक्ति ने बताया कि कोरोनाक की जांच दो बार नेगेटिव आ चुकी हैए लेकिन सूख रहाहैए सांस लेने में परेशानी बनी हुई हैए ऐसे में दवाई के साथ गर्म पानी की बाफ ले रहे हैं।
फेफड़ों के संक्रमण का पता चलता-
कोरोना मरीजों का एचआर सीटी चेस्ट की जांच करवाई जा रही है। को.रेडस इंडेक्स व सीटी स्कोर से वायरस व मरीज की स्थिति साफ हो जाती है। समय से पता चल जाता है कि मरीज के फेफड़ों में कितना संक्रमण है। इससे उपचार करना आसान होता है। एसआरजी चिकित्सालय में फिजिशियन की सलाह पर एचआर सीटी स्केन 1700 रूपए में की जा रही है।
डॉ.राजेन्द्र गुप्ता, अधीक्षक एसआरजी चिकित्सालय, झालावाड़।
स्कोर से पता चलता है-
जिले में 20 फीसदी लोगों की जांच नेगेटिव आने के बाद भी अब उनमें न्यूमोनिया के लक्षण नजर आ रहे हैं। अगर कोई कोविड नगेटिव हो और बार.बार बुखार आ रही होए सर्दी जुकाम हो तो सीटी स्केन करवाएं इससे कोविड न्यूमोनिया की पहचान हो सके। सीटी फाइंडिंग स्कोर से पता चलता है कि मरीज ठीक हो गया है या अभी लक्षण नजर आ रहे हैं। कोरोना मरीजों को पोस्ट कोविड केयर पर भी ध्यान देना चाहिए। 14 दिन तक होम क्वारंटाइन रहना चाहिए।
डॉ.असलम नागरा, रेडियोलोजिस्ट, एसआरजी चिकित्सालय,झालावाड़।
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