राजस्व छीजत बड़ी कमजोरी-
सूत्रों ने बताया कि यात्री भार में कमी से रोडवेज की सेहत दिनों दिन बिगड़ रही है। प्रदेश में मौजूदा काल में करीब 50 से 60 करोड़ रुपए महीने का घाटा हो रहा है। ऐसे में राजस्थान रोडवेज 4 हजार करोड़ से अधिक घाटे में चल रहा है। इसके पीछे राजस्व छीजत सबसे बड़ा कारण है, जिसने रोडवेज को लाइलाज बीमारी ने जकड़ लिया है। जो भी अफसर आते हैं वह नए-नए प्रयोग करना शुरू कर देते हैं। किंतु राजस्व छीजत यानी कि राजस्व चोरी पर प्रभावी अंकुश नहीं लगाया जा सका है। रोडवेज प्रदेश की लाइफ लाइन है, खासकर गांवों और कस्बों के लिए। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ टैक्स चोर प्राइवेट वाहनों ने रोडवेज को बैकफुट पर कर रखा है। लाभ के रूटों पर सेठ जी और घाटे की सड़कों पर रोडवेज, ऐसा खेल चल रहा है। रोडवेज को समाप्त करने की बातें समय समय पर चलती रहती है। कभी भ्रष्ट कर्मियों का दबाव तो कभी राजनीतिक मजबूरी, रोडवेज की सेहत सुधारने के लिए कड़वी दवा वाला इलाज करने ही नहीं देती है। अगर सरकार को रोडवेज को बचाना है तो सख्ती से पेश आना होगा।
सूत्रों ने बताया कि यात्री भार में कमी से रोडवेज की सेहत दिनों दिन बिगड़ रही है। प्रदेश में मौजूदा काल में करीब 50 से 60 करोड़ रुपए महीने का घाटा हो रहा है। ऐसे में राजस्थान रोडवेज 4 हजार करोड़ से अधिक घाटे में चल रहा है। इसके पीछे राजस्व छीजत सबसे बड़ा कारण है, जिसने रोडवेज को लाइलाज बीमारी ने जकड़ लिया है। जो भी अफसर आते हैं वह नए-नए प्रयोग करना शुरू कर देते हैं। किंतु राजस्व छीजत यानी कि राजस्व चोरी पर प्रभावी अंकुश नहीं लगाया जा सका है। रोडवेज प्रदेश की लाइफ लाइन है, खासकर गांवों और कस्बों के लिए। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ टैक्स चोर प्राइवेट वाहनों ने रोडवेज को बैकफुट पर कर रखा है। लाभ के रूटों पर सेठ जी और घाटे की सड़कों पर रोडवेज, ऐसा खेल चल रहा है। रोडवेज को समाप्त करने की बातें समय समय पर चलती रहती है। कभी भ्रष्ट कर्मियों का दबाव तो कभी राजनीतिक मजबूरी, रोडवेज की सेहत सुधारने के लिए कड़वी दवा वाला इलाज करने ही नहीं देती है। अगर सरकार को रोडवेज को बचाना है तो सख्ती से पेश आना होगा।
जिले में ये है स्थिति-
2021 2020
जनवरी-7.8 लाख किमी 8.68 लाख किमी
राजस्व प्राप्ति- 254 लाख 298.10 लाख
– नुकसान करीब 44 लाख फरवरी- 6.93 लाख किमी 8.12 लाख किमी
राजस्व प्राप्ति-235.54 लाख 293.50 लाख
नुकसान करीब- 57 लाख
पुलिस व रोडवेज की नहीं बन रही बात-
जब से पुलिस कर्मियों के दो सौ रूपए वेतन से काटे है, तभी से एक बस में पांच से अधिक पुलिस कर्मियों को नहीं बिठाने का नियम आया है। लेकिन कई बार पंाच से अधिक पुलिस कर्मी भी अपने कार्यो से जाते है,तथा कई रंग रूट भी एक साथ जाते हैं, ऐसी स्थिति में पुलिस अब बसों में कभी चालक व परिचालक के वर्दी नहीं पहनने व सिट बैल्ट आदि नहीं लगाने के नाम पर 2 से 3 हजार रूपए तक के चालान बना रहे हैं। ऐसे में आए दिन झगड़े हो रहे हैं।
जब से पुलिस कर्मियों के दो सौ रूपए वेतन से काटे है, तभी से एक बस में पांच से अधिक पुलिस कर्मियों को नहीं बिठाने का नियम आया है। लेकिन कई बार पंाच से अधिक पुलिस कर्मी भी अपने कार्यो से जाते है,तथा कई रंग रूट भी एक साथ जाते हैं, ऐसी स्थिति में पुलिस अब बसों में कभी चालक व परिचालक के वर्दी नहीं पहनने व सिट बैल्ट आदि नहीं लगाने के नाम पर 2 से 3 हजार रूपए तक के चालान बना रहे हैं। ऐसे में आए दिन झगड़े हो रहे हैं।
मुख्यालय से निर्देश मिले है-
दस गुणा जुर्माना लेने के मुख्यालय से निर्देश है। हां रोडवेज घाटे में तो चल रही है। रोडवेज के घाटे को कम करने के लिए राजस्व की चोरी नहीं हो इसके लिए नियमित रूप से चैकिंग कर रहे हैं। पुलिस द्वारा चालान बनाने के दो मामले सामने आए है। मुख्यालय से बात हो रही है एक दो दिन में कुछ समाधान निकल जाएगा। रोडवेज में एक साथ पांच ही पुलिस कर्मियों को बिठाने का नियम है।
अतुल यादव, चीफ मैनेजर, रोडवेज डिपो, झालावाड़।
दस गुणा जुर्माना लेने के मुख्यालय से निर्देश है। हां रोडवेज घाटे में तो चल रही है। रोडवेज के घाटे को कम करने के लिए राजस्व की चोरी नहीं हो इसके लिए नियमित रूप से चैकिंग कर रहे हैं। पुलिस द्वारा चालान बनाने के दो मामले सामने आए है। मुख्यालय से बात हो रही है एक दो दिन में कुछ समाधान निकल जाएगा। रोडवेज में एक साथ पांच ही पुलिस कर्मियों को बिठाने का नियम है।
अतुल यादव, चीफ मैनेजर, रोडवेज डिपो, झालावाड़।