एमआर के जरिए मेडिकल संचालक ब्लैक में बिकवा रहा था रेमडेसिविर इंजेक्शन, एसटीएफ ने तीन लोगों को पकड़ा, धार व बड़वानी में बेच चुके 15 इंजेक्शन
इंदौर. कोरोना संक्रमण में मददगार रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने में एसटीएफ ने मेडिकल संचालक, उसके कर्मचारी व एक एमआर को पकड़ा है। एसटीएफ ने ग्राहक बनकर इंजेक्शन बुलवाए थे। 20 हजार रुपए में एक इंजेक्शन का सौदा तय हुआ था।
एसटीएफ एसपी मनीष खत्री ने बताया, जानकारी मिली थी कि रेमडेसिविर इंजेक्शन को ब्लैक में बेचा जा रहा है। इस पर एसटीएफ के कर्मचारी ने ग्राहक बनकर ब्लैक करने वालों से संपर्क किया। बुधवार दोपहर चिडिय़ाघर के पास इंजेक्शन देने की बात तय हुई। यहां इंजेक्शन देने आए राजेश पाटीदार निवासी न्यू स्टार सिटी, ज्ञानेश्वर बारसकर निवासी राम नगर को पकड़ा। इनके पास से 6 रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त हुए। राजेश से इंजेक्शन के लिए सौदा हुआ था। उसने एक इंजेक्शन 20 हजार रुपए में देने की बात कही थी। डीएसपी सोनू कुर्मी, टीआइ श्रीकांत जोशी की टीम ने उनसे पूछताछ की। राजेश ने बताया, यह इंजेक्शन उसने अनुराग सिंह सिसौदिया निवासी स्कीम 114 से लिए है। एसटीएफ ने अनुराग को पकड़ा। उसकी विजय नगर में राज मेडिकल स्टोर है। उसकी दुकान में भी 6 रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले। इनका बिल या कोई रिकॉर्ड उसके पास नहीं था।
पांच साल से अलवट्रो कंपनी में है एमआर
अनुराग की दुकान में ज्ञानेश्वर काम करता है। राजेश पांच साल से अलवट्रो कंपनी में एमआर है। इसके पहले वह सिपला कंपनी में था। इसके चलते अनुराग से उसका परिचय हुआ। पता चला है कि राजेश पहले धार व बड़वानी में करीब 15 इंजेक्शन बेच चुका है। पता चला है कि ये इंजेक्शन हिमाचल प्रदेश की किसी कंपनी से मिली है। पुलिस ने इनके पास से 12 रेमडेसिविर इंजेक्शन, तीन मोबाइल, एक बाइक जब्त की। तीनों को कोर्ट में पेश कर राजेश व अनुराग का दो दिन का रिमांड लिया है। अनुराग के पास इंजेक्शन कहां से आते हैं, इसकी जानकारी ले रहे हैं।