-जनसुनवाई स्थगित, बॉक्स में समस्या का आवेदन डाल सकेंगे लोग-तीन माह बाद फिर जनसुनवाई रोकी, गत वर्ष मार्च से दिसंबर की थी स्थगित
झाबुआ•Mar 23, 2021 / 10:16 pm•
vishal yadav
Public hearing on Tuesday postponed once again
बड़वानी. कोरोना महामारी के चलते कलेक्टोरेट सहित विभागों में प्रति मंगलवार होने वाली जसुनवाई एक बार फिर स्थगित की गई है। आगामी सप्ताह से जिले में कहीं भी जनसुनवाई नहीं होगी। इस दौरान सिर्फ कलेक्टोरेट में एक बॉक्स रखा जाएगा। इसमें आवेदक अपनी समस्या का आवेदन डाल सकेगा।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष कोरोना संक्रमण की शुरुआत के साथ 17 मार्च से जनसुनवाई स्थगित की गई थी। इसके बाद करीब दस माह तक जनसुनवाई बंद रही थी। गत वर्ष के अंत में कोरोना कंट्रोल में होने पर 29 दिसंबर 2020 से जनसुनवाई की फिर शुरुआत की गई थी। वर्तमान में फिर पैर पसारते संक्रमण के चलते शासन के निर्देश पर प्रशासन ने आगामी सप्ताह से इसे स्थगित करने का फैसला लिया है। कलेक्टर शिवराजसिंह वर्मा ने कोरोना के मददेनजर प्रति मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई को आगामी तिथि तक स्थगित की है। जिसके कारण अब कलेक्टोरेट सहित अन्य कार्यालयों में प्रति मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई नहीं हो पाएगी। हालांकि कलेक्टर ने बताया कि इसके लिये अब कलेक्टरेट कार्यालय में अब एक जनसुनवाई का बाक्स रखा जाएगा। इसमें कोई भी आवेदक अपनी समस्या से संबंधित आवेदन डाल सकेगा। इस प्रकार प्राप्त आवेदनो का पठन उच्च अधिकारियों द्वारा कर उचित निराकरण किया जाएगा।
इस बार आए 51 आवेदन, किश्त को लेकर पहुंचे हितग्राही
कलेक्टोरेट में मंगलवार को हुई जनसुनवाई में इस बार 51 आवेदन प्राप्त हुए। इस दौरान वार्ड क्रमांक 22 चूनाभट्टी क्षेत्र के प्रधानमंत्री योजना के हितग्राही पहुंचे। इस दौरान हितग्राही भगवान सोलंकी, दिलीप सोलंकी, मांगीलाल, मंशाराम, फत्तूलाल, शकुंतला बाई आदि ने बताया कि हमें पीएम आवास योजना के तहत लाभ मिला हैं और छत हाईट तक मकान बन चुके है। शेष मकान अधूरे है। इसका कारण अंतिम किश्त के रुप में 50 हजार रुपए की राशि नहीं मिलना है। रहवासियों ने बताया कि गत माह तीन फरवरी को हितग्राहियों को अंतिम किश्त स्वीकृत हो चुकी हैं, लेकिन अब तक खातों में राशि नहीं डाली गई है। जनसुनवाई में अपर कलेक्टर अभयसिंह ओहरिया व डिप्टी कलेक्टर अंशु जावला ने उपस्थित रहकर आवेदकों को व्यक्तिगत रुप से सुना तथा मौके पर ही हो सकने वाली समस्याओं का निराकरण कराया। जबकि मांगों से संबंधित आवेदनों को संबंधित विभागों को भेजकर परीक्षण कराने एवं उपयुक्त पाए जाने पर उसे आगामी कार्य योजना में शामिल करने के निर्देश निर्माण एजेंसियों के पदाधिकारियों को दिए।